फर्जी दस्तावेज तैयार कर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले दो भाइयों को पुलिस ने दबोच लिया

कोटद्वार : कोटद्वार में बीते अगस्त माह में हुई अग्निवीर भर्ती रैली में शामिल होने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोटद्वार का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले दो भाइयों को पुलिस ने दबोच लिया। दोनों उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जिला बागपत के रहने वाले हैं। दोनों भाइयों पर पुलिस ने पांच-पांच हजार का इनाम घोषित किया हुआ था।

बताते चलें कि बीती 31 अगस्त को राजस्व उपनिरीक्षक आशीष चंद्र केमनी ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि जुलाई माह में अग्निवीर भर्ती के लिए लगातार युवा स्थायी निवासी सहित अन्य प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन कर रहे थे। तहसील प्रशासन भी युवाओं को बिना किसी देरी के प्रमाणपत्र जारी कर रहा था।

19 जुलाई को मानपुर निवासी प्रवीण कुमार व दीपक पुत्रगण मंगल ने स्थायी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। बीस जुलाई को दोनों को स्थायी निवासी प्रमाण पत्र जारी हो गए। बताया कि बाद में दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि प्रमाण पत्र के लिए लगाई गई खतौनी में छेड़छाड़ की हुई थी। साथ ही फर्जी विद्युत बिल भी लगाया गया था। फर्जी दस्तावेज लगाए जाने पर दोनों के प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए गए।

पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि मानपुर में प्रवीण व दीपक कुमार नाम का कोई युवक नहीं मिला। बताया कि जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि दोनों युवक जनपद बागपत के अंतर्गत चंदायन (बिनौली) के रहने वाले हैं।

बताया कि काफी तलाश के बाद भी दोनों भाइयों का सुराग नहीं मिला, जिस कारण दोनों पर पांच-पांच हजार का इनाम घोषित कर दिया गया था। बताया कि मुखबिर की सूचना पर दोनों को कोटद्वार में सिम्मलचौड़ तिराहे से गिरफ्तार किया गया।

कद में छूट के लिए बनाए फर्जी दस्तावेज

जांच अधिकारी मेहराजुद्दीन ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आए दोनों भाइयों का कहना है कि कद (लंबाई) कम होने के कारण वे उत्तर प्रदेश में होने वाली सेना भर्ती रैली में शामिल नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के दस्तावेज बनाने का निर्णय लिया।

बताया कि स्वयं को पर्वतीय मूल का निवासी बनाने के लिए उन्होंने दो वर्ष पूर्व सिम्मलचौड़ में एक प्लाट भी लिया था। इसी प्लाट के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस को दोनों भाइयों के सही पते की जानकारी मिल पाई थी।

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