उत्तराखंड में कोरोना मुक्त हुआ पिथौरागढ़ जिला, तीन जिले भी जल्द होंगे कोविड-फ्री
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण ठीक होने की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के दस जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या पचास से नीचे नीचे है। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, यूएस नगर और उत्तरकाशी में संक्रमितों की संख्या पचास से नीचे है। अकेला हरिद्वार जिला है जहां पर कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या सौ के पार है और वहां भी सिर्फ 101 मरीज भर्ती हैं। देहरादून में 67 और नैनीताल में 63 मरीज अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है। जिले के अस्पतालों में भर्ती कोरोना के सभी मरीजों के ठीक होने के बाद अब कोई भी एक्टिव मरीज नहीं रह गया है। इधर बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले भी कोरोना मुक्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। राज्य में पिछले साल 15 मार्च से कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था। उसके बाद से एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ ही रही थी। लेकिन अब पिछले कुछ समय से संक्रमण में कमी आने के बाद मरीजों की संख्या लगातार घट रही है। इसी के तहत शुक्रवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पिथौरागढ़ जिले में कोई भी मरीज इस समय कोरोना संक्रमित नहीं है। जबकि बागेश्वर में चार, रुद्रप्रयाग में दो, उत्तरकाशी में नौ जबकि चमोली जिले में सिर्फ कोरोना के 10 एक्टिव मरीज रह गए हैं।
उत्तराखंड में शनिवार को कोरोना के 81 नए मरीज मिले जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या 96949 जबकि मृतकों का आंकड़ा 1692 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शनिवार को अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला। जबकि देहरादून में 42 जबकि हरिद्वार में 29, नैनीताल में चार, टिहरी में पांच और यूएस नगर जिले में एक मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी में भर्ती एक संक्रमित महिला की मौत हो गई। शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों से 18 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जबकि 19 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई है। 11 हजार के करीब सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर चार प्रतिशत के करीब रह गई है। जबकि रिकवरी रेट 96.30 प्रतिशत हो गया है।