आईसीएमआर से मिली अनुमति, राजधानी देहरादून में भी होगी वायरस की जांच

आईसीएमआर से मंजूरी मिल गई है। मेल मिल गया है, शनिवार से जांच शुरू कर दी जाएगी। पहले दो हफ्ते तक रोजाना 20 जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद इसे 50 तक बढ़ाया भी जा सकेगा। जांच के लिए अब तक हल्द्वानी सेम्पल भेजे जा रहे थे। जहां से कई कई दिन में रिपोर्ट आ रही है। जिससे उपचार औऱ मरीजों को दिक्कत हो रही थी।

दून मेडिकल कॉलेज को कोरोना संदिग्ध और संक्रमित मरीजों के सैम्पलों की जांच करने की आईसीएमआर ने अनुमति दे दी हैं। शनिवार से यहां जांच शुरू हो जाएगी। यहां जांच शुरू होने से हल्द्वानी का सफर और वहां से आ रही तीन-तीन दिन में जांच रिपोर्ट की दिक्कत दूर होगी। प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना का कहना है कि मशीने इंस्टाल हो गई है, कर्मचारियों एवम डॉक्टरों का प्रशिक्षण भी करा दिया गया है।

बता दे अब तक प्रदेश में हल्द्वानी ओर ऋषिकेश एम्स में जांच हो रही थी। आईआईपी में 15 मई तक जांच आईआईपी में भी 15 मई तक कोरोना की जांच शुरू करने की तैयारी है। निदेशक डा.अंजन रे का कहना है शुरूआत में 15 ही जांच होंगी। इसके बाद इसे 30 तक बढ़ाया जाएगा। मुबंई से कुछ सामान उपकरण दून आने हैं।

प्लाज्मा थेरेपी को दून मेडिकल कॉलेज तैयार 
कोरोना जांच की मंजूरी के बाद दून मेडिकल कॉलेज प्लाज्मा थेरेपी के लिए भी तैयार है। इसके भी प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव आईसीएमआर को भेजा जाएगा। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना का कहना है कि शोधकर्ता प्लाज्मा थेरेपी को उपयोगी बता रहे हैं।
भारत में कई राज्य इस पर काम शुरू कर चुके हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। कॉलेज भी कोरोना के मरीजों पर यह थेरेपी अपनाने पर विचार कर रहा है। इसके लिए विशेषज्ञ विमर्श और तैयारियों पर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार कर चुके है। उधर, कोरोना जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शेखर पाल की अगुवाई में छह लोगों की कोर टीम बनाई गई है।

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