जंगली जानवरों से श्रद्धालुओं की सुरक्षा करेगी पैरा मिलिट्री
हरिद्वार में कुंभ की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इस बार पैरा मिलिट्री फोर्स की 40 कंपनियां कुंभ संपन्न कराने के लिए बुलाई गई हैं। पहले चरण की पांच कंपनियां एक जनवरी को हरिद्वार पहुंच जाएंगी। इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की एक-एक कंपनी शामिल हैं। सभी कंपनियां चार चरणों में दस मार्च तक हरिद्वार पहुंचेंगी। इनके साथ नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) और बीएसएफ की एंटी माइनिंग स्क्वॉड की दो-दो टीम भी आएंगी।
कुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर तरह से इंतजाम किए जा रहे हैं। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान कुंभ क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे। वह न सिर्फ अपराधियों, बल्कि जंगली जानवरों से भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा करेंगे। आइजी कुंभ संजय गुंज्याल के अनुसार इसके लिए जंगल से सटी कुंभ क्षेत्र की सीमाओं पर वनकर्मियों के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी मुस्तैद रहेंगे।
कुंभ क्षेत्र में तैनात पुलिस व अर्द्धसैनिक बल के जवान अपराधी व आतंकी ही नहीं, बल्कि हर तरह की आफत से श्रद्धालुओं की सुरक्षा करेंगे। कुंभ क्षेत्र तीन तरफ से जंगल से घिरा हुआ है और आबादी वाले क्षेत्र में जंगली जानवरों की आवाजाही बनी रहती है। उत्तरी हरिद्वार में तो कई बार गुलदार दस्तक दे चुका है। गंगा के किनारे नीलधारा, चंडीघाट व कनखल से सटे जगजीतपुर आदि इलाकों में आए दिन हाथियों के झुंड चले आते हैं। ऐसे में कुंभ के दौरान वन्य जीव श्रद्धालुओं को नुकसान न पहुंचा सकें, इसे लेकर आइजी कुंभ संजय गुंज्याल ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ फुलप्रूफ योजना बनाई है। इसके तहत कुंभ क्षेत्र की जंगल की तरफ वाली सीमाओं पर वनकर्मियों के साथ ही पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात रहेंगे।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) क्षेत्र की ओर से वन विभाग पहले से ही सुरक्षा दीवार का निर्माण करा रहा है। राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे होने के कारण अक्सर हाथी व गुलदार के अलावा सांभर, बारहसिंगा आदि जंगली जानवर भेल के रिहायशी क्षेत्र में धमक आते हैं। सुरक्षा दीवार बनने से इस पर अंकुश तो लगेगा ही, कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ होगा।