गैरसैंण को जोड़ने वाला एनएच टू लेन बनेगा
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम परियोजना की समीक्षा के दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत को यह भरोसा दिया। सीएम ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित हो चुकी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गैरसैंण को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 87 ई को टू लेन बनाने पर सहमति दे दी है, जबकि राजमार्ग 309 ए पर उडियार बैंड से चौकोड़ी तक टू लेन बनाने के लिए डीपीआर को जल्द मंजूर करने का भरोसा दिया।
इससे इस मार्ग पर यातायात बढ़ने की संभावना है। उन्होंने इसके लिए नेशनल हाईवे-87 ई का चौड़ीकरण जरूरी बताया। गडकरी ने इस पर सैंद्धांतिक सहमति देते डीपीआर मंत्रालय को भेजने को कहा। कर्णप्रयाग, आदिबद्री, गैरसैंण, पांडुखोली होते हुए यह मार्ग चौखुटिया को जाता है।
सीएम ने गड़करी के समक्ष राष्ट्रीय राजमार्ग 309-ए को भी टू लेन जल्द करने का मसला उठाया। कहा कि इस मार्ग के टू लेन होने से पिथौरागढ़, मुनस्यारी, डीडीहाट, गंगोलीहाट, चैकोड़ी, बेरीनाग आदि पर्यटक स्थल जुड़ जाएंगे, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
ग़डकरी ने सीएम से कहा कि इस मार्ग के 208 किमी लंबाई को टू लेन चौड़ीकरण की डीपीआर एवं भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति भी मिल गई है। पहले चरण में चौकोड़ी से अल्मोड़ा तक 126 किमी लंबाई की डीपीआर गठन की कार्यवाही चल रही है।
गडकरी ने कहा कि चारधाम परियोजना पीएम नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। इसे निर्धारित समय के भीतर पूरा किए जाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं।
राज्य एवं केंद्र स्तर पर भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस के लंबित प्रकरणों को समयबद्धता के साथ निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए केंद्र एवं राज्य के अधिकारी आपसी समन्वय से काम करें। सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैंण मार्ग को टू लेने बनाने की सहमति देने पर आभार जताया।
फारेस्ट क्लीरेंस दिलाने में की जा रही है तेजी
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चारधाम परियोजना से संबंधित फॉरेस्ट क्लीरेंस को मंत्रालय स्तर से तेजी की जा रही है। सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि उत्तराखंड का पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
चारधाम परियोजना सभी प्रकार के मार्गों के काम को तेजी से पूर्ण करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के अफसरों को अपनी- अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इस परियोजना के अंतगर्त 350 किमी लंबाई का कार्य अब तक पूर्ण हो चुका है।