उत्तराखंड में अब घर बनाना होगा आसान, प्राधिकरण से ग्रामीण क्षेत्र का नक्शा बनाना होगा सस्ता
अब ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से उपविभाजन शुल्क 5 फीसदी की जगह 1 फीसदी लिए जाने के लिए शासन स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसका शासनादेश जारी होते ही नई दर लागू कर दी जाएगी। बताते चलें शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में भवन बनाने के लिए शासन स्तर से नक्शे की बाध्यता को भले ही समाप्त कर दिया गया है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग बैंकों से ऋण लेकर मकान बनाते हैं। इसके लिए नक्शा पास किया जाना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा के मुताबिक नक्शा पास कराए जाने की व्यवस्था को लागू किया गया है।
उत्तराखंड में प्राधिकरणों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए अच्छी खबर है। शहरों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों से ऋण लेकर आवास बनाने वाले लोगों को भी अब नक्शा बनाने के दौरान उपविभाजन शुल्क में बड़ी राहत मिलने जा रही है।
लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाने के लिए नक्शे की मंजूरी को लोगों को उपविभाजन शुल्क (सब डिविजनल चार्ज) के रूप में मोटी रकम देनी पड़ती है। स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र में नक्शा पास करने के दौरान सर्किल रेट का 1 फीसदी उपविभाजन शुल्क जमा किया जाता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को नक्शा पास कराने के लिए इससे चार गुना अधिक यानि 5 फीसदी उपविभाजन शुल्क जमा करना होता है। शहरी क्षेत्र में यदि एक हजार स्क्वायर फीट में 11 हजार रुपये उपविभाजन शुल्क जमा करना पड़ता है तो ग्रामीण क्षेत्र में यह रकम बढ़कर 44 हजार तक पहुंच जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी विकास विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी उप विभाजन शुल्क 5 फीसदी के बजाए 1 फीसदी किए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। जल्द ही इसका शासनादेश जारी होने की उम्मीद है।