उत्तराखंड में चीन सीमा का बजट बढ़ा तो नेपाल बॉर्डर का बजट घटा
नेपाल से सटे ब्लॉकों के बजट में कटौती की गई है। इसके अलावा सरकार ने पहली बार सीमांत जिलों के लिए (पंचवर्षीय) प्लान मांगा है। इससे पहले हर साल विकास का प्लान देना होता था।
भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी का असर इस बार बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) पर भी दिखाई दे रहा है। सरकार ने चीन सीमा से सटे गांवों के लिए बीएडीपी का बजट बढ़ा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में रोजगार, शक्षिा, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराकर पलायन रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बीएडीपी योजना चलाई है। उत्तराखंड में इस योजना से चम्पावत जिले के चम्पावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, मुनस्यारी, कनालीछीना, मूनाकोट, ऊधमसिंहनगर के खटीमा, चमोली के जोशीमठ जबकि उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक को शामिल किया गया है।
इनमें चार ब्लॉक चीन और पांच ब्लॉक नेपाल सीमा से सटे हुए हैं। नेपाल सीमा से सटे ब्लॉकों में बीते साल की अपेक्षा बजट में करीब 25 फीसदी कटौती हुई है। इसके विपरीत चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के ब्लॉकों में बीएडीपी का मद बढ़ाया गया है।
हर साल बीस फीसदी बढ़ेगा बजट: अपर सचिव (ग्राम्य विकास) ने सीमांत जनपदों के जिला अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बार बीएडीपी मद में पांच साल के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा है।
अगले हर साल के लिए प्लान में 20 फीसदी बजट बढ़ाकर यह पंचवर्षीय प्लान तैयार किया जाना है। चीन सीमा से लगे गांव के बजट में दोगुने तक वृद्धि: चीन सीमा से लगे धारचूला और मुनस्यारी ब्लॉक के गांवों के लिए मिलने वाले बजट में इस बार दोगुने तक वृद्धि हुई है।
पिछले साल मुनस्यारी के गांवों के लिए करीब 2.89 करोड़ रुपये और धारचूला के लिए 5.36 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था। इस बार यह 7.28 करोड़ रुपये होगा।
नेपाल सीमा से लगे ब्लॉकों को बीएडीपी में इस बार इतना बजट
ब्लॉक प्रस्तावित आवंटन
चम्पावत 2.34 करोड़
लोहाघाट 2.34 करोड़
कनालीछीना 2.34 करोड़
मूनाकोट 2.34 करोड़
खटीमा 2.34 करोड़
चीन सीमा से लगे ब्लॉकों को बीएडीपी में इस बार इतना बजट
ब्लॉक प्रस्तावित आवंटन
जोशीमठ 7.28 करोड़
धारचूला 7.28 करोड़
मुनस्यारी 7.28 करोड़
भटवाड़ी 7.28 करोड़
450 सड़कों पर काम रुका
राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत 450 से अधिक ग्रामीण सड़कों पर काम रुक गया है। अपर सचिव उदयराज सिंह ने बताया कि 12 हजार की जगह अब तक आठ हजार मजदूर ही उपलब्ध हो पाए हैं।
नेपाल से लगे चम्पावत के गांवों में घटा बजट
नेपाल सीमा से सटे चम्पावत जिले के दोनों ब्लॉकों के लिए पिछले साल 6.2 करोड़ का बजट मिला था। इन्हें इस बार महज 4.68 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।