देहरादून। जनपद देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र में एक प्रकरण प्रकाश में आया जहां बगैर कोई पूर्व सूचना दिए नगर निगम की टीम ने एक आशियाना ढहा दिया। पीड़ित परिवार ने नगर निगम की टीम को रोकने के लिए काफी मिन्नतें की किंतु निगम कर्मियों ने उनकी एक न सुनी और मकान को गिरा दिया। ड़ित परिवार इन्साफ की गुहार लगा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटेलनगर थाना क्षेत्र में कोतवाली पटेल नगर के ठीक सामने अरुण कुमार का मकान है, जो उन्होंने 2003 में ज़मीन खरीदकर बनाया था। मकान स्वामी के अनुसार यह मकान पहले से भरी हुई बुनियाद पर बनाया गया था। मकान स्वामी के अनुसार उनके पास जमीन की रजिस्ट्री के सभी कागज़ात मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि म्यूटेशन के समय क्षेत्र के पटवारी द्वारा पता चला कि बंदोबस्ती सर्वे के समय खसरा नम्बरों की गड़बड़ी हुई है, जिसे ठीक करवाने के लिए मकान स्वामी द्वारा प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद उसके निगम के द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया।
मकान स्वामी ने बताया कि वे नगर निगम की टीम को अपनी भूमि से सम्बंधित कागज़ात दिखा रहे थे किंतु टीम के द्वारा कागज़ात देखने से इनकार कर दिया गया और एक तरफ़ा कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर चला दिया, वो भी किसी पूर्व सूचना के। यदि पीड़ित परिवार की मानें तो उन्हें नगर निगम की टीम द्वारा ये बताया गया कि क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर ये कार्यवाही की जा रही है। पीड़ित परिवार के अनुसार वे अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनके साथ सियासत कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पीड़ित परिवार अब मदद की आस लिये न्याय की मांग कर रहा है।
मकान स्वामी के अनुसार उन्होंने जब इस मामले में नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने एवं किसी भी प्रकार से मदद करने से साफ इनकार कर दिया। बहरहाल बसे-बसाये मकान को नगर निगम की टीम ने पलभर में गिरा दिया। ऐसा करने से पहले टीम ने कोई नोटिस मकान स्वामी को भेजना भी जरूरी नहीं समझा जो नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।