मौर्य ने जिन्ना की तारीफ करने के आरोपों को नकारा

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद ने आज मांग की है कि मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने पर उप्र सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को तुरंत पार्टी से बाहर निकाला जाना चाहिए। उधर मौर्य ने इस संबंध में अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है। मौर्य ने मंगलवार को कानपुर में कहा था कि मोहम्मद अली जिन्ना एक महान शख्सियत थे। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने राष्ट्रनिर्माण में योगदान दिया, यदि उन पर कोई उंगली उठाता है तो ये गलत बात है। देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का योगदान भी इस देश में था।

मौर्य के इस बयान पर उप्र से राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने ट्विटर पर लिखा कि या तो वह अपने बयान के लिये माफी मांगें या फिर उन्हें पार्टी से हटा दिया जाये। अपने इस बयान के एक दिन बाद आज मौर्य ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। आज उन्नाव में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह अब भी जिन्ना को महापुरूष मानते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मीडिया बात का बतंगड़ बना रही है। उन्होंने कहा कि ‘कोई बयान नहीं है यह बयान आप लोग बात का बतंगड़ बनाकर बढ़ाते हैं।’
सांसद यादव ने अपने ट्वीट में कहा कि देश के तीन टुकड़े करने वाले जघन्य अपराधी मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरूष कहने वाले सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य या तो अपना बयान वापिस लेकर माफी मांगें अन्यथा उन्हें तत्काल पार्टी से बाहर निकाला जाए। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी के नेता सुनील बंसल के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है।
राज्यसभा सांसद ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘देश के तीन टुकड़े करने वाले जिन्ना की फोटो एएमयू में लगा सकते हैं परन्तु भारत माता की जय वन्देमातरम नहीं बोल सकते।’’ मौर्य ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविदयालय से जिन्ना का फोटो हटाने की मांग को घटिया बताते हुये कहा था कि देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का योगदान भी इस देश में था। उन्होंने तस्वीर लगाये जाने का विरोध करने पर अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम की निंदा भी की।
गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर को पत्र लिखकर पूछा था कि अमुवि छात्रसंघ भवन में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गयी है। पिछले सप्ताह एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ता मो. आमिर रशीद ने पत्र लिखकर संघ की शाखा विश्वविद्यालय परिसर में लगाने की इजाजत मांगी थी। इस मुद्दे पर प्रवक्ता प्रो. किदवाई ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के शिविर या शाखा को परिसर में लगाये जाने के प्रस्ताव की इजाजत नहीं देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *