उत्तराखंड में प्रवासियों को मुफ्त में मिलेगा पांच किलो चावल और एक किलो चना

उत्तराखंड में प्रवासियों को मुफ्त में मिलेगा पांच किलो चावल और एक किलो चना

केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान से आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सस्ता राशन वितरण को लेकर राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने प्रस्ताव रखा कि बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को राशन वितरित करने के लिए राशन कार्ड की शर्त को हटाया जाए।

लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए प्रदेश सरकार ने दो माह तक सस्ता राशन देने का इंतजाम कर लिया है। एक जून से कंट्रोल में बाहरी राज्यों से आए प्रवासियों को प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल और प्रति कार्ड एक किलो साबूत चना दाल मुफ्त में मिलेगी। प्रदेश में लगभग तीन लाख प्रवासियों को इसका लाभ मिलेगा।

कोरोना संकट में घर लौट रहे प्रवासी राशन कार्ड कहां से लाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने इस पर उचित कार्रवाई करने की सहमति जताई है। बैठक में सचिव खाद्य आपूर्ति सुशील कुमार, अपर आयुक्त  महेंद्र सिंह बिसेन मौजूद थे।

वन नेशन वन कार्ड को लागू करने के लिए अगस्त तक मांगा समय

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए तहत राशन कार्डों को नेशनल पोर्टेबिलिटी (वन नेेशन वन कार्ड) को लागू करने के लिए सरकार को पहाड़ों में दिक्कतें आ रही है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सस्ते गल्ले की दुकानों को आनलाइन करने के लिए जन सेवा केंद्र के साथ एमओयू किया गया है।

प्रदेश में 7200 दुकानें बायोमैट्रिक सिस्टम और आनलाइन ट्रांजैक्शन मशीन लग चुकी हैं। पहाड़ों में दो हजार छोटी दुकानें हैं, जहां पर कार्ड धारकों की संख्या 100 से 200 तक है। ऐसे डीलरों को सिस्टम लगाने में दिक्कत आ रही है। सरकार ने वन नेशन वन कार्ड को अगस्त 2020 को लागू करने का समय मांगा है।

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