यूं तो एक महिला के शरीर में समय−समय पर बदलाव आते हैं लेकिन चालीस की उम्र के बाद जब माहवारी आना बंद हो जाती है, हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं तथा शरीर को कई रोग अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं तो खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम का सहारा लेना बेहद आवश्यक हो जाता है। बढ़ती उम्र में चूंकि शरीर का स्टेमिना काफी हद तक कम हो चुका होता है, इसलिए उम्र के इस पड़ाव को ध्यान में रखते हुए ही व्यायाम करना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही व्यायाम के बारे में बता रहे हैं जिन्हें बढ़ती उम्र में भी करने से खुद को बेहद आसानी से तंदुरूस्त रखा जा सकता है−
शुरू करें टहलना
वॉक एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। इतना ही नहीं, चाहे आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या हो, वॉक आपके लिए फायदेमंद ही होगी और इसे आप बिना किसी परेशानी के बेहद आसानी से कर सकती हैं। जिन महिलाओं को अक्सर घुटनों में दर्द की समस्या रहती है, उन्हें शुरूआती दौर में 15 से 20 मिनट तक ही वॉक बाद में धीरे−धीरे इसका टाइम बढ़ाया जा सकता है।
करें पुशअप्स
आमतौर पर माना जाता है कि बढ़ती उम्र में पुशअप्स करना काफी कठिन होता है। जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। पुशअप्स के भी कई प्रकार होते हैं। इस उम्र में भले ही आप इंटेंस पुशअप्स न कर पाएं लेकिन वॉल पुशअप्स करना अच्छा विचार हो सकता है। यह आपके हाथों की मसल्स को स्ट्रेंथ करने का एक आसान तरीका है। इस पुशअप्स को करने के लिए दीवार की तरफ मुंह करें व हथेलियों को दीवार पर टच करें। अब जिस तरह पुशअप्स करते हैं, ठीक उसी तरह पैर व कमर को सीधा रखते हुए आगे की तरफ झुकें। इस स्थिति में आपकी कोहनियां मुड़ी होंगी। अब वापिस पहले की अवस्था में आ जाए। इस तरह आप दीवार की मदद लेकर खड़े−खड़े वॉल पुशअप्स का अभ्यास कर सकती हैं।
मेडीटेशन का सहारा
मेनोपॉज के बाद महिलाओं के भीतर कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों में मूड स्विंग्स भी एक है। उम्र के इस दौर में अक्सर महिलाएं चिड़चिड़ी या किसी भी बात पर नाराज हो जाती है। ऐसे में खुद को शांत व भीतर से खुशी हासिल करने का एक आसान उपाय है मेडीटेशन। बस आप एक शांत स्थान पर आंखें बंद करके बैठ जाएं तथा अपनी सांसों के आवागमन पर ध्यान दें। कुछ देर में आप विचार शून्य हो जाएंगी। मात्र आधा घंटा की मेडीटेशन आपको पूरे दिन के लिए रिचार्ज करने के लिए पर्याप्त है।