जल्द ही संसद में लाएगी सरकार मानव तस्‍करी निरोधक विधेयक : श्रीमती मेनका संजय गांधी

menka-gandhiमहिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा है कि सरकार मानव तस्‍करी निरोधक विधेयक जल्द ही संसद में लाएगी। जिसका मसौदा तैयार है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आज चंडीगढ़ में आयोजित क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को संसद के शीतकालीन अधिवेशन में लाने की कोशिश करेगी। इसमें तस्करी किये गये व्यक्तियों को मुक्‍त कराना, राहत प्रदान कराना और पुन: एकीकरण शामिल होंगे और इसके द्वारा पहली बार तस्करी करने वालों और तस्‍करी किये गये व्‍यक्तियों के बीच एक स्‍पष्‍ट अंतर आएगा।

श्रीमती मेनका संजय गांधी ने देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। हाल ही में, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पॉस्‍को ई-बॉक्स की शुरूआत की है, जिस पर बाल यौन अपराध या उत्पीड़न के शिकार बच्‍चे स्‍वयं या कोई अन्‍य व्‍यस्‍क व्‍यक्ति आसानी से इस बारे में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इस ई-बॉक्‍स पर अभी तक 81 शिकायतें प्राप्‍त हो चुकी है। लापता बच्चों का पता लगाने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहल खोया पाया पोर्टल में अभी तक लगभग 6000 गुमशुदा और भगोड़े बच्‍चों की रिपोर्ट प्राप्‍त हुई है। इस पोर्टल की शुरूआत पिछले साल की गई थी। भगोड़े/लापता बच्चों को रेलवे के सहयोग से विकसित विशेष संचालन प्रक्रियाओं के अधीन भी मदद दी जा रही है। श्रीमती मेनका गांधी ने बताया कि इस पहल के अधीन 13000 बच्चों की सहायता की जा चुकी है और परेशानी या संकट में फंसे बच्‍चों के बारे में रिपोर्ट करने के रेल के सभी डिब्‍बों में पोस्‍टर चिपकाये जा रहे है।

सरकार द्वारा उठाई गई अन्य ऐतिहासिक पहलों में 01 जनवरी 2017 से संकटग्रस्‍त महिलाओं के लिए सभी सेल फोन पर पैनिक बटन लगाना, मार्च, 2017 तक हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए लगभग 170 वन स्टॉप केंद्रों की स्थापना, गिरते हुए बाल लिंग अनुपात को बदलने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नामक फ्लैगशिप कार्यक्रम की शुरूआत, पुलिस बल में महिलाओं को 33% आरक्षण और वृंदावन में 1000 विधवाओं के लिए एक बड़े घर का निर्माण करना आदि शामिल हैं। उन्‍होंने यह भी बताया कि वैवाहिक वेबसाइटों के लिए दिशानिर्देश लागू किये जा रहे है, ताकि इनका दुरुपयोग रोका जा सकें। महिलाओं के लिए अपने उत्‍पाद बेचने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल महिला ई-हाट स्थापित किया गया है, जिस पर पिछले पहले छह महीनों में लगभग छह लाख रूपये के लेन-देन हुये है। महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए स्‍टैप कार्यक्रम को पूरी तरह से बदल दिया गया है। महिला सरपंचों को सशक्‍त बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे पेशेवर रूप से ये गांवों का प्रशासन संभाल सकें। इसके अलावा स्‍कूलों में जैंडर चैम्पियन्‍स योजना की शुरूआत की गई है।

सरकार आंगनवाड़ी प्रणाली में बड़ा बदलाव लाने के लिए पूरी तरह कार्य कर रही है, ताकि इसके तरीकों को इस प्रकार बदला जाए, जिससे बच्‍चों और गर्भवती महिलाओं को पोषा उपलब्‍ध कराया जा सके। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने यह भी कहा कि बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य सुनिश्चित करने के लिए सरकार कामकाजी महिलाओं को छह महीने के अनिवार्य मातृत्‍व अवकाश देने के लिए कार्य कर रहा है, इसके लिए उनके मंत्रालय ने संशोधन पेश करने के लिए कदम उठाये है। सरकार देश में महिलाओं और बच्‍चों की स्थिति सुधारने के लिए सभी मोर्चों पर तेजी से आगे बढ़ रही है।

चंडीगढ़ में आयोजित किये जा रहे इस दो दिवसीय सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार भाग ले रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *