नये साल में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लाइसेंस होगा रद
हरिद्वार, ऋषिकेश और नैनीताल के अधिकारियों के साथ भी फोन पर बात की। केवल खुराना ने कहा कि नववर्ष का जश्न मनाने को देहरादून और मसूरी आने वाले पर्यटकों का स्वागत है। यहां आने पर पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए ड्यूटी लगायी जा रही है।
नये साल के जश्न के दौरान शराब पीकर हुड़दंग मचाने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। खासतौर पर तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए मसूरी और नैनीताल में सीपीयू की अतिरिक्त टीमों को तैनात किया जाएगा।पुलिस उपमहानिरीक्षक, निदेशक यातायात केवल खुराना ने नये साल को ध्यान में रख कर मसूरी और देहरादून में ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर पुलिस अधीक्षक यातायात, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, क्षेत्राधिकारी मसूरी एवं प्रभारी सीपीयू के साथ बैठक की।
ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर देहरादून से सीपीयू की चार टीमों को मसूरी और हल्द्वानी से चार टीमों को नैनीताल में नियुक्त किया जा रहा है। इसके साथ ही ओवर स्पीड एवं नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। मुख्य मुख्य स्थानों पर इन्टरसेप्टर को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने अफसरों को यातायात और भीड़ प्रबन्धन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
तेज रफ्तार गाड़ी चलाना, मोबाइल का इस्तेमाल या नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर वाहन चालक का लाइसेंस तीन महीने के लिए सस्पेंड किया जाएगा। सड़क सुरक्षा के लिए और यातायात जागरुकता के लिए सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने यातायात के नियमों के सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को सचिवालय में कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस एएम सप्रे ने समीक्षा करते हुए कई अहम निर्देश दिए। कहा कि यातायात सुरक्षा से जुड़े छह प्रमुख पहलुओं की किसी भी सूरत में अनदेखी न की जाए। ओवर लोडिंग तेज रफ्तार से वाहन चलाना, मोबाइल का इस्तेमाल, नशे की हालत में गाड़ी चलाने, रेड लाइट जंपिंग और माल भाड़ा वाहनों में यात्री ले जाने के केस में शत प्रतिशत कार्रवाई की जाए।
इन वाहन चालक के नियमानुसार तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित किए जाएं। कमेटी ने राज्य में सड़क हादसों की रोकथाम और परिवहन विभाग के नए प्रयोगों की जानकारी भी ली। परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने कमेटी को झाझरा में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट लेन, फिटनेस की जांच के लिए मोबाइल ऐप की जानकारी दी।
कहा कि इसके साथ ही सभी परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। जागरूकता के कार्यक्रम नियमित रूप से चलाए जा रहे हैं। राजय में सड़क हादसों में कमी आई है। इस दौरान मुख्य सचिव ओमप्रकाश, लोनिवि सचिव आरके सुधांशु, परिवहन सचिव शैलेश बगोली, परिवहन उपायुक्त सनत कुमार सिंह, सुधांशु गर्ग आदि मौजूद रहे।
1.- पर्वतीय मार्गों पर अनिवार्य रूप से रोड क्रश बेरियर लगाए जाएं। इन्हें लगाने वाली कंपनी के साथ तीन से पांच साल का रखरखाव का कांट्रेक्ट भी किया जाए। इसके लिए राज्य नीति बनाएं। राज्य में अभी 50 फीसदी क्षेत्र में ही क्रश बैरियर लगे हैं।
2.- ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुरक्षा के लिए सड़कों पर पर्याप्त रोशनी का इंतजाम करना होगा। इन क्षेत्रों में सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर अंधेरा भी हादसों की बड़ी वजह है।
3.- ग्रामीण इलाकों में नेशनल हाईवे पर केवल फुटपाथ तक ही सीमित न रहें। इन सड़कों पर फुटओवर ब्रिज, अंडर पास भी बनाने होंगे। इससे हादसों में कमी आएगी। पैदल चलने वाले लोग अक्सर हादसों का शिकार हो जाते हैं।
4. हाईवे पेट्रोलिंग यूनिट को सक्रिय किया जाए। जहां जहां सड़क क्रास होती है ,वहां पर यातायात को धीमा करने को इंतजाम भी किए जाएं।
5. उत्तराखंड पर्वतीय राज्य हैं। यहां रोड इंजीनियरिंग पर विशेष फोकस रखा जाए। लैंड स्लाइड, तेज घुमाव आदि क्षेत्रों को अधिक से अधिक सुरक्षित रखना होगा।
परिवहन सेक्टर में उत्तराखंड में किए गए नए प्रयोगों को देश के दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने मुख्य सचिव से उत्तराखंड के व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम, एम-फिटनेस मोबाइल, एपे, आटोमेटिक टेस्टिंग लैब के प्रयोग का ब्योरा मांगा है। अध्यक्ष जस्टिस एएम सप्रे ने कहा कि इन प्रयोगों को दूसरे राज्यों को दिया जाएगा।