जमीनों के रेट में 25 फीसदी तक गिरावट, रियल इस्टेट कारोबार को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान

रियल इस्टेट कारोबार को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान

करीब एक लाख लोगों के पास रोजगार नहीं होने से घरों में बैठने को मजबूर हैं। देहरादून के बाद राज्य का दूसरा वीवीआइपी जिला कहे जाने वाले नैनीताल जिले में पर्यटन और खनन कारोबार के साथ ही रियल स्टेट का बहुत बड़ा कारोबार है।

कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन में रियल इस्टेट कारोबार पूरी तरह बैठ गया है। पिछले 2 महीने में अकेले नैनीताल जिले में 100 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

500 से अधिक बड़े और मध्यम वर्ग के बिल्डर्स रियल स्टेट का कारोबार करते हैं। 2000 से अधिक ब्रोकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। 500 से अधिक कंस्ट्रक्शन ठेकेदार काम करते हैं।

इन ठेकेदारों के अंडर में एक लाख से अधिक मजदूर काम करते हैं। हालात कैसे हैं 2 महीने से काम बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है। जिस कारण सभी लोग घरों में बेरोजगार बैठे हुए हैं। इससे रियल स्टेट कारोबार से जुड़े लोगों में भविष्य को लेकर काफी चिंता है।

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रियल एस्टेट कारोबारियों का कहना है कि यह कारोबार इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। रियल स्टेट के क्षेत्र में पिछले 7 साल में यह तीसरी सबसे बड़ी आपदा है।

पहली आपदा जून 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी थी। इस आपदा के बाद रियल स्टेट का कारोबार ठंडा हो गया था। दूसरी नोटबंदी और जीएसटी ने रियल इस्टेट कारोबार की कमर तोड़ दी।

अब कोरोना वायरस के संक्रमण ने झकझोर कर रख दिया है। लॉक डाउन के बीच न तो कोई नया मकान या अपार्टमेंट बनकर तैयार हुआ और न हीं कोई जमीन बिक पाई। भविष्य में यह कारोबार संकट से कब उबरेगा कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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