भीमताल, नैनीताल, पतलोट, खनस्यू। पहाड़ी क्षेत्रांे में ईको टूरिज्म, हस्तशिल्प, जैविक खेती, फल, दालें आदि उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनाकर पलायन को रोके जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मलिन बस्तियों का भी विनियमितीकरण किया जायेगा साथ ही जनआवास के तहत 35 हजार गरीबों को घर भी आवंटित किये जायेगें। प्रदेश में लगभग 7 लाख 13 हजार गरीब पात्र लोगों को समाज कल्याण द्वारा पेंशन दी जा रही है, पेंशन धनराशि 800 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये कर दी गयी हैै। उन्होंने कहा कि 2017 तक 10 लाख पात्र लोगों को पेंशन देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड पहला प्रदेश है जहा पर पंेशन धनराशि सर्वाधिक है।
उन्हांेने कहा जगरिया, डंगरिया, कलाकार, सगुन आंखर वालोें के साथ ही बौना लोगों को भी पेंशन लागू कर दी गयी है। मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल द्वारा संयुक्त रूप से वैदिक मंत्रों के बीच विकास खण्ड भीमताल में 9 करोड 26 लाख की विकास योजनाओं के साथ ही खनस्यू में जनपद की 9वीं तहसील एवं पतलोट मे डिग्री कालेज का उद्घाटन एवं 06 सडकों का शिलान्यास दीप प्रज्वलित कर किया।
विधानसभा भीमताल में पश्यों जूनियर हाईस्कूल से पश्यों गांव तक मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 1.20 लाख का शिलान्यास, चांफी-अलचैना-मलुवाताल मोटर मार्ग का विस्तार लागत 153.73 लाख का शिलान्यास, राज्य योजना अन्तर्गत विनायक-हेडियागांव मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 182.44 लाख का शिलान्यास, पदमपुरी बबियाड -टपुवा मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 144.50 लाख का शिलान्यास, ईलाईजर चमोली मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 218.78 लाख का शिलान्यास, ग्राम देवलीधार से सुरंग तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 105 लाख की लागत का शिलान्यास किया।
सरकार विकास के लिए चितिंत है। उन्हांेने कहा 2018 तक सभी गांवों को सडकों से जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हांेने कहा प्रदेश मंे सडकों के चहुमुखी विकास हेतु 2600 करोड की धनराशि दी गयी है। श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 1000 किमी0 नई सडकों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में 2017 तक 24 घन्टे विद्युत प्रदान किया जायेंगा। उन्होंने कहा इस वर्ष 36 विद्युत सब स्टेशन बनाये जा रहे है, और क्षेत्र मंे 09 विद्यालयांे का उच्चीकरण किया गया है। उन्होने कहा इस वर्ष अन्त तक 90 प्रतिशत विद्यालयों में प्रधानाचार्यो की नियुक्ति कर दी जायेगी। श्री रावत ने खनस्यू रामलीला कमेटी को 10 लाख रूपये देने की घोषणा की।
श्री रावत ने कहा कि सक्रिय स्वयं सहायता समूहों को 25 हजार सीडमनी के रूप में दी जायेगी, साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का विपणन हेतु जिलाधिकारियों द्वारा साप्ताहिक हाट बाजारों का आयोजन किया जायेगा, ताकि ग्रामीण महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओ को स्थानीय बाजार मिल सके।
उन्हांेने कहा पिछले दो वर्ष पूर्व हमारे प्रदेश की कृषि विकास दर 3 प्रतिशत थी जो आज बढकर 5.5 प्रतिशत हो गयी है। हम भारत के उन 06 राज्यों मे शामिल हो चुके हैं जो विकास मे सबसे आगे है, हम 13 प्रतिशत वार्षिक विकास दर बनाये हुये है, जिसे 2017 तक 18 प्रतिशत तक ले जाया जायेगा। उन्हांेने कहा कि 2014 मे हमारी प्रतिव्यक्ति आय मात्र 84 हजार थी, जो आज बढकर 1.73 लाख हो गयी है, जो देश की प्रतिव्यक्ति आय के लगभग दोगुनी है। हमें सभी को साथ लेकर विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुये समावेशी विकास करना होगा। ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार मिले। लोग हस्तशिल्प से जुडे और उत्तराखण्ड का पुराना वैभव साकार हो सके। इसलिए प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों, कलाकारों, धार्मिक अनुष्ठान कराने वालों लोगों को आर्थिक विकास हेतु पेंशन दे रही है।
राज्य सरकार द्वारा 2014 से चलाई जा रही गंगा गाय महिला डेरी योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैै। इस योजना के माध्यम से महिलायें अथवा महिला समूह आर्थिक रूप से सुदृढ व आत्मनिर्भर हो रहे है। उन्होंने कहा कि गंगा गाय योजना के अन्तर्गत गाय खरीदने के लिए दिये जा रहे 52 हजार में 27 हजार अनुदान व 20 हजार ऋण है, जिसमें मात्र 5 हजार रूपये मार्जिन मनी के रूप में लाभार्थियों द्वारा दी जाती है। उन्होंने कहा प्रदेश में एक लाख श्रमिको को टूलकिट वितरित किये जा चुके है तथा दो लाख टूल किट वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर कोपरेटिव बैक के अध्यक्ष राजेन्द्र सिह नेगी द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को बैक द्वारा 50 लाख के ऋण वितरित किये गये।