उत्तराखंड में बनेंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम
ग्र्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले परंपरागत खेल। इसके तहत बच्चों को बचपन से उनकी योग्यता के अनुसार खेलों का चयन करने के लिए प्रतिभा श्रृंखला विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें खेल के साथ योग भी शामिल किया गया है।
ओलंपिक, एशियन खेल, कॉमनवेल्थ गेम्स में खेले जाने वाले सभी खेल या भारतीय ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त खेल।
गैर कोर खेल भारत सरकार के खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त खेल (भारतीय ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त को छोड़कर) अन्य शामिल हैं।
एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, रोइंग, कयाकिंग एवं कैनोइंग, जूडो, ताइक्वांडो, शूटिंग, फुटबाल, कराटे
द्वितीय प्राथमिकता या मध्यम श्रेणी खेल-वॉलीबाल, हैंडबाल, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, कबड्डी, बास्केटबाल, हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी, तलवारबाजी
तृतीय श्रेणी खेल-दोनों श्रेणियों में शामिल नहीं किए गए और जिन खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद कम है।
परंपरागत खेल- ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले परंपरागत खेल
-महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए 5 फीसदी कोटा
-राजकीय सेवाओं में कुशल खिलाड़ियों के लिए 4 फीसदी क्षैतिज खेल कोटा।
-राज्य में पदक विजेताओं को समूह क, ख और ग में नियुक्ति दी जाएगी।
-उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उनके विभागों में प्रोन्नति और वेतन वृद्धि दी जाएगी
-राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे खिलाड़ियों का बीमा किया जाएगा।
-राज्य परिवहन निगम की बस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को निशुल्क यात्रा
-राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए यात्रा मार्ग व्यय, स्पोर्ट्स किट की सहायता।
-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पूर्व खिलाड़यिों को पेंशन दी जाएगी।
-8 से 14 साल के 50-50 बालक व बालिका खिलाड़यिों को मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृति की दी जाएगी।
-खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों की समस्या को दूर करने के लिए एकल खिड़की समाधान योजना।