हरिद्वार महाकुंभ में हर श्रद्धालु को गंगा स्नान के लिए मिलेंगे 10 से 15 मिनट

हरिद्वार महाकुंभ में हर श्रद्धालु को गंगा स्नान के लिए मिलेंगे 10 से 15 मिनट

देश में कोरोना महामारी शुरू होने के साथ ही हरिद्वार कुंभ के आयोजन पर भी बहस शुरू हो गई थी। साधु-संतों का एक धड़ा वर्ष 2021 के बजाय 2022 में कुंभ के आयोजन की मांग उठा रहा था, लेकिन अखाड़ा परिषद ने समय पर कुंभ कराने की बात कहकर इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद अखाड़ा परिषद और सरकार के बीच कई दौर की बैठकों में कुंभ के आयोजन पर चर्चा हुई। तय किया गया कि कुंभ समय पर ही होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसके स्वरूप पर विचार किया जाएगा।

कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन का पूरा खाका खींच लिया गया है। महाकुंभ में मुख्य स्नानों को लेकर पोर्टल पर पंजीकरण करने के साथ ही हर श्रद्धालु के लिए इस बार घाट और गंगा स्नान का समय निर्धारित होगा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच ग्रह और नक्षत्रों के योग के हिसाब से समय दिया जाएगा, ताकि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कर लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने का पुण्य कमा सकें। मुख्य स्नान पर हरिद्वार में करीब ढाई लाख वाहनों की पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा।

इन सबके बीच मेला प्रशासन ने आयोजन का खाका खींच लिया है। अगर कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के साथ महाकुंभ हुआ तो भी मुख्य स्नानों पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर सकेंगे। कुंभ पुलिस ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। एक लाख 94 हजार वर्ग मीटर एरिया में फैले गंगा के 107 घाटों पर शारीरिक दूरी के साथ श्रद्धालुओं को स्नान कराने की योजना है। हर श्रद्धालु को कुंभ के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से इस सहमति दे दी है।

गंगा स्नान को मिलेंगे 10 से 15 मिनट

श्रद्धालुओं को इस बार घाट पर 10 से 15 मिनट तक रहने का मौका मिलेगा। नए प्रपोजल में यह सुविधा दी गई है जबकि इससे पहले कुंभ में श्रद्धालुओं को तीन से चार डुबकी लगाने के बाद ही बाहर होना पड़ता था। मुख्य स्नानों पर 30 से 40 लाख लोगों की व्यवस्था का प्लान किया गया है, जबकि पूर्व में हुए कुंभ में 70 से 80 लाख लोग आते रहे हैं।

पंजीकरण के साथ मिलेगा घाट का नक्शा

मुख्य स्नान के लिए कुंभ के पोर्टल पर पंजीकरण के दौरान आपको नाम के साथ घाट का चयन करना होगा। उस समय यदि घाट फुल होगा तो पोर्टल रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करेगा। इसके बाद दूसरे घाट का विकल्प मिलेगा। घाट का चयन होने के बाद पोर्टल पर श्रद्धालु को पूरा नक्शा मिल जाएगा कि किस रास्ते से उन्हें घाट तक पहुंचना है।

सामान्य स्नान पर कोई रोकटोक नहीं

एक जनवरी से 30 अप्रैल तक चलने वाले हरिद्वार महाकुंभ में पंजीकरण, स्नान का समय और घाटों के निर्धारण की व्यवस्था केवल मुख्य स्नानों पर ही रहेगी। सामान्य दिनों में कुंभ स्नान के लिए कोई रोकटोक नहीं रहेगी। कुंभ मेला आईजी का कहना है कि भीड़ सीमित करने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि, इन व्यवस्थाओं में स्थिति और समय के साथ बदलाव हो सकता है।

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