आपातकालीन सेवा 108 के रिस्पॉन्स टाइम में सुधार उत्तराखंड में
प्रदेश में 108 सेवा वर्ष 2008 में शुरू की गई थी। पिछले साल इसके संचालन का जिम्मा नई कंपनी ‘कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्राम’ (कैंप) को दिया गया। जिसने अपना एक साल पूरा कर लिया है। जीएम प्रोजेक्ट अनिल शर्मा ने बताया कि 108 सेवा के दस्ते में तैनात सभी कर्मचारी दिन-रात ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। वह बिना देरी पहाड़ की विषम परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रदेश में आपातकालीन सेवा-108 का रिस्पॉन्स टाइम बेहतर हुआ है। पिछले एक साल में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत रिस्पांस टाइम में 5.16 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 9.86 मिनट का सुधार हुआ। यानी अब एंबुलेंस कम समय में घटनास्थल पर पहुंच रही है। साथ ही एक वर्ष के भीतर एक लाख 17 हजार 689 लोगों को सेवा प्रदान की गई।
इसी का नतीजा है कि 108 एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम लगातार सुधर रहा है, जिसका अक्स आंकड़ों में दिखता है। मई 2018 से अप्रैल 2019 की तुलना में मई 2019 से अप्रैल 2020 के बीच गर्भवती महिलाओं से संबंधित 9443, सड़क दुर्घटना के 28, हृदयाघात और अन्य गंभीर रोग के 2249 और अन्य इमरजेंसी 34148 केस हमने ज्यादा किए हैं। उन्होंने कहा, आगे भी यह प्रयास किया जा रहा है कि कैसे इस सेवा को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाया जाए।
ग्रामीण क्षेत्र
मई-जुलाई 2019, 32.30 मिनट
अगस्त-अक्टूबर 2019, 32.41 मिनट
नवंबर-जनवरी 2019-20, 27.52 मिनट
फरवरी-अप्रैल 2020, 27.14 मिनट
शहरी क्षेत्र
मई-जुलाई 2019, 25.29 मिनट
अगस्त-अक्टूबर 2019, 23.59 मिनट
नवंबर-जनवरी 2019-20, 20.06 मिनट
फरवरी-अप्रैल 2020, 15.43 मिनट
ऐसे बढ़ा सेवा का दायरा
सेवा, मई 2018 से अप्रैल 2019, मई 2019 से अप्रैल 2020
गर्भवती महिलाओं से संबंधित, 35420, 44863
एंबुलेंस में सफल प्रसव, 607, 506
सड़क दुर्घटनाएं, 7342, 7370
हृदय रोग/अन्य गंभीर रोग, 2248, 4497
अन्य इमरजेंसी, 26305, 60453