उत्तराखंड में होम आइसोलेशन पर फिलहाल सख्ती रहेगी
सरकार ने 15 दिन पहले राज्य में कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू की थी। लेकिन फिलहाल इस सुविधा को बहुत सीमित रखने का निर्णय लिया गया है। होम आइसोलेशन को सीमित रखने के पीछे प्रमुख कारण यह है कि मानकों का पालन नहीं होने पर संक्रमण फैलने का खतरा है।
कोरोना मरीजों को घर पर इलाज की सुविधा देने के लिए शुरू की गई होम आइसोलेशन की सुविधा फिलहाल सीमित रहेगी। सरकार ने इस पर सख्ती बरतते हुए विशेष परिस्थितियों में ही होम आइसोलेशन की इजाजत देने का निर्णय लिया है।
राज्य में पहले ही संक्रमण लगातार बढ़ रहा है ऐसे में सरकार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। राज्य में अभी कुल चार हजार के करीब कोरोना मरीज हैं जबकि 20 हजार के करीब बेड अस्पतालों में पहले से ही तैयार रखे गए हैं। ऐसे में मरीजों को घर पर इलाज की छूट देने की बजाए सरकार कोविड अस्पतालों में इलाज को प्राथमिकता दे रही है।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक के दौरान भी अधिकारियों को इसके निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि होम आइसोलेशन को राज्य में फिलहाल बहुत सीमित रखा गया है। उन्होंने बताया कि मरीज बढ़े तो होम आइसोलेशन का दायरा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल इसकी बहुत अधिक जरूरत नहीं है इसलिए सख्ती बरती जा रही है।
15 दिन में 100 लोगों को मिली इजाजत
होम आइसोलेशन में सरकार खास सख्ती बरत रही है। इसी का नजीता है कि प्रत्येक दिन चार सौ से लेकर पांच सौ मरीज सामने आने के बावजूद राज्य में पिछले 15 दिन में अभी तक 100 लोगों को इलाजत मिल पाई है। इनमें से सभी लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं और घर बड़ा होने के साथ ही अलग से केयर टेकर की भी व्यवस्था है। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि होम आइसोलेशन में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लिया जा सकता। इसलिए बहुत जांच पड़ताल के बाद ही यह सुविधा दी जा रही है।