हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से की मुलाकात
पूर्व मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्यों के संबंध में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत किया गया है। आपदा की स्थिति में रेस्पॉंस टाइम कम से कम करने का प्रयास किया गया है। पिथौरागढ़ में तत्काल बचाव कार्य संचालित किए गए। प्रभावितों को राहत पहुंचाई गई। सात सूत्रीय ज्ञापन में मदकोट-जौलजीवी मोटर मार्ग को दुरुस्त करने के लिए कुछ मशीनें बढ़ाने, प्रभावितों को आर्थिक मदद, जिलाधिकारियों को अधिक मदद को अधिकृत करने की मांग की गई। इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह मौजूद रहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने मुनस्यारी व धारचूला में आपदा के असर को देखते हुए एसडीआरएफ की ज्यादा टीम लगाने समेत सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुझावों पर कार्रवाई का भरोसा दिया।
प्रवासियों को पांच लाख की मदद दे सरकार
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार को सुझाव पत्र भेजकर राज्य में वापसी करने वाले प्रत्येक प्रवासी को पांच लाख रुपये की राशि त्वरित राहत के तौर पर देने की पैरवी की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने बुधवार को प्रदेश मुख्यालय में सुझाव पत्र जारी किया। प्रदेश संगठन ने पूर्व मंत्री कंडारी की अध्यक्षता में समिति गठित कर प्रवासियों को रोजगार, राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने समेत 17 बिंदुओं पर विस्तृत सुझाव पत्र तैयार किया।
इस समिति में पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार व पूर्व प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि समिति की ओर से तैयार सुझाव पत्र को अमलीजामा पहनाने को मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भेजा गया।
इस पत्र में पार्टी ने प्रवासी उत्तराखंडियों को रोजगार, उनके तकनीकी ज्ञान व शैक्षिक योग्यता के आधार पर डाटा बेस तैयार करने, सौर ऊर्जा की योजनाओं से किसानों को जोड़ने समेत विभिन्न सुझाव दिए हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रवासियों के लिए कई ऋण योजनाएं स्वीकृत की हैं। काम-धंधा छोड़कर राज्य लौटे प्रवासियों व उनके परिवारों के सामने गुजर-बसर की चुनौती है। ऐसे में उन्हें ऋण नहीं, बल्कि आर्थिक मदद की दरकार है। उन्होंने प्रवासियों के मामले में सरकार की नीति और कोरोना से लड़ने के तरीके पर सवाल दागे।