देहरादून में जिलाधिकारी ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सुभारती मेडिकल कॉलेज को आइसोलेशन और कोटडा संतौर स्थित होटल टकजीन को क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति के इलाज पर जो भी खर्च आएगा, उसे सरकार वहन करेगी।
कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए शासन अब निजी अस्पतालों का अधिग्रहण करेगा। इसके लिए पांच सौ बेड से अधिक क्षमता के अस्पतालों को चिह्नित किया जा रहा है। इन अस्पतालों को अधिग्रहित करने के बाद यहां केवल कोरोना के मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर गढ़वाल व कुमाऊं मंडल विकास निगमों और वन विभाग के अतिथिगृहों को भी आपात स्थिति में आइसोलशेन व क्वारंटाइन केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पुलिस लाइन व बटालियन में भी आइसोलेशन की सुविधाएं बनाई जाएंगी।
सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे पूर्व सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने निजी अस्पतालों व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने निजी अस्पतालों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
उन्होंने अस्पतालों के प्रतिनिधियों से अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का ब्योरा लिया और बताया कि सरकार जरूरत पडऩे पर उनका अधिग्रहण भी कर सकती है। बैठक की जानकारी देते हुए सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आपात परिस्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में पांच सौ या उससे अधिक बेड के अस्पतालों को अधिग्रहित किया जाएगा।
यहां केवल कोरोना के ही मरीज रखे जाएंगे। इस दौरान इन अस्पतालों में किसी और बीमारी का इलाज नहीं होगा। यहां से मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। इस दौरान सरकारी डॉक्टरों को भी इन्हीं अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि इसे आयुष्मान योजना के अंतर्गत भी लिया जा सकता है। वैसे अभी सरकार ही इसका इलाज करा रही है। उन्होंने कहा कि क्योंकि विभाग ही अस्पतालों का अधिग्रहण करने के बाद इनका इलाज कराएगा, ऐसे में अस्पतालों द्वारा मरीजों से अधिक धनराशि लेने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि विभाग कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
देहरादून और हल्द्वानी अस्पताल के आइसीयू के बाहर अब पुलिस का सख्त पहरा रहेगा। यहां एसडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है। क्वारंटाइन में रखे गए मरीजों से मुलाकात करने आए लोगों और मरीजों को भागने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
प्रदेश में इस समय कोरोना का केवल एक ही मामला सामने आया है। बावजूद इसके विदेश और बाहर से आने वाले लोगों को आइसोलेशन व क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। यह देखने में आया है कि अस्पतालों में मरीजों के परिजन अथवा राजनीतिक लोग इनसे मिलने आ रहे हैं। कुछ स्थानों पर मरीजों के बिना बताए अस्पताल छोडऩे के मामले भी सामने आए हैं।
इसे देखते हुए इन स्थानों पर पुलिस तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को सचिव स्वास्थ नितेश झा ने इस संबंध में जिलाधिकारी व एसएसपी नैनीताल व देहरादून को पत्र लिखकर यहां पुलिस की चौकसी बढ़ाने को कहा है ताकि बिना अनुमति यहां कोई भीतर प्रवेश न कर सके अथवा बिना बताए बाहर न जा सके।