देहरादून, मसूरी, नैनीताल, मुनिकी रेती, श्रीनगर में उत्तराखंड सरकार खोलने जा रही कृषि उत्पादों के बड़े आउटलेट
गौरतलब है कि सरकार ने प्रदेशभर में 1300 आउटलेट खोलने का निश्चय किया है, जो तीन साल में बनकर पूरे होंगे। इसमें यात्रा मार्गों के साथ ही पर्यटक स्थलों पर खास फोकस रहेगा। साथ ही रेलवे व बस स्टेशन, एयरपोर्ट पर भी आउटलेट खोले जाएंगे। इस पहल से जहां हर साल राज्य में आने वाले सैलानियों के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में यहां के कृषि उत्पाद पहुंचेंगे, वहीं स्थानीय किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा। साथ ही विपणन की दिक्कत भी उनके सामने नहीं होगी।
नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड के नजारों के दीदार को आने वाले सैलानी यहां के कृषि उत्पादों से न सिर्फ रूबरू होंगे, बल्कि वे इन्हें आसानी से खरीद भी सकेंगे। इस कड़ी में पर्यटन की दृष्टि से बड़े संभावनाशील क्षेत्रों देहरादून, मसूरी, नैनीताल, मुनिकी रेती, श्रीनगर समेत अन्य स्थानों पर राज्य सरकार कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए बड़े आउटलेट खोलने जा रही है।
राज्य में विभिन्न कारणों से खेती भले ही प्रभावित हुई हो, लेकिन यहां के कृषि उत्पादों के जैविक होने से इनकी बड़ी मांग है। फिर चाहे वह मंडुवा, झंगोरा, राजमा, चौलाई हों अथवा अन्य कृषि उत्पाद, ये सभी पौष्टिकता से लबरेज हैं। बावजूद इसके, बाजार का अभाव हमेशा खटकता रहता है। हालांकि, जिला स्तर पर गठित रिवाल्विंग फंड के जरिये इनकी खरीद की व्यवस्था है, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों के किसान इसका उचित लाभ नहीं उठा पा रहे।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार इस सबको देखते हुए सरकार अब कृषि विभाग के माध्यम से राज्यभर में 1300 रिटेल आउटलेट खोलने जा रही है, जिसमें किसानों से लिए जाने वाले कृषि उत्पादों की बिक्री होगी। परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत इस पहल को गंभीरता से धरातल पर उतारने के लिए कमर कस ली गई है। इस तरह से व्यवस्था की जा रह है कि चार-पांच गांवों के केंद्र स्थलों के साथ ही यात्रा मार्गों, पर्यटक स्थलों समेत संभावनाशील स्थानों पर ये आउटलेट खोले जाएंगे।
वह बताते हैं कि अब जबकि पर्यटन गतिविधियां शुरू होने लगी हैं तो जल्द ही विभिन्न स्थानों पर आउटलेट खोले जाएंगे। यदि राज्य में प्रतिवर्ष आने वाले पर्यटकों तक ही हम राज्य के कृषि उत्पादों को पहुंचाने में सफल रहे तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। गौरतलब है कि सामान्य परिस्थितियों में राज्य में हर साल औसतन साढ़े तीन करोड़ सैलानी आते हैं। यही नहीं, आउटलेट के माध्यम से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।