सरकारी कर्मियों को हर साल देना होगा संपत्ति का ब्योरा, ब्योरा नहीं देने वाले कर्मियों की होगी जांच

सरकारी कर्मियों को हर साल देना होगा संपत्ति का ब्योरा

ट्रैप और जांच सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय की जाए और कार्रवाई भी की जाए।

उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ जांच होगी। विजिलेंस की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शासन स्तर से अहम मामलों में गोपनीय की जगह खुली जांच और सीधे एफआईआर की कार्रवाई हो। इंटेलीजेंस कलेक्शन और संदिग्ध केस में एसीएस सतर्कता के अनुमोदन के बाद निदेशक अपने स्तर से आरोपी के घर और अन्य स्थानों पर रेड की मंजूरी दे सकेंगे।

त्रिवेंद्र बोले, विभागीय जांच के नाम पर सालों तक मामले लटकाने वालों पर कार्रवाई हो। एक साल के भीतर ही विजिलेंस को जांच दे दी जाए।

उन्होंने मामले लटकने के बाद तथ्य न बचने तक इन्हें विजिलेंस को देने पर भी नाराजगी जताई। हर विभाग के विजिलेंस नोडल ऑफिसर एक माह में अपेक्षित सूचना सतर्कता विभाग को मुहैया कराने के लिए उत्तरदायी होंगे। यदि देरी हुई तो कार्रवाई की जाएगी।

अभिसूचना तंत्र मजबूत हो थाना स्तर पर बने समन्वय

अभिसूचना-सुरक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री बोले, अभिसूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। इसके लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय स्थापित हो। सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सिस्टम मजबूत बनाया जाए।

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