देहरादून। बदरीनाथ धाम से लेकर हरिद्वार तक अलकनंदा, मंदाकिनी, भागीरथी व गंगा समेत तमाम नदियों को प्रदूषित करने वाले होटल व धर्मशाला संचालकों पर अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त कार्रवाई करने का जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे सभी होटल और धर्मशालाओं को चिन्हित करें जो सीवरेज ट्रीटमेंट किए बगैर होटलोें, धर्मशालाओं का गंदा पानी सीधे नदियों में डाल रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक जिस भी होटल व धर्मशाला संचालक ने सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था नहीं की है, उनसे प्रतिदिन 5000 रुपये की दर से भारी भरकम जुर्माना वसूला जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियाें ने बदरीनाथ धाम से लेकर हरिद्वार तक ऐसे 508 होटलों व धर्मशालाओं को चिन्हित किया था, जो ट्रीटमेंट किए बगैर गंदा पानी नदियों में प्रवाहित कर रहे हैं। बोर्ड अधिकारियों की ओर से इन सभी होटल व धर्मशाला संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे लेकिन उनमें से ज्यादातर ने कार्रवाई नहीं की है। लेकिन अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन होटल व धर्मशाला संचालकों पर ठोस कार्रवाई करने जा रहा है ।