उत्तराखंड में पहली बार जूम-फेसबुक पर लाइव दिखेगा सूर्य ग्रहण
सौरमंडल में होने वाले खगोलीय घटनाओं के अध्ययन में जुटी एरीज की टीम रविवार को लगने जा रहे सूर्यग्रहण के लिए पूरी तरह तैयार है। एरीज निदेशक प्रो.दीपांकर बनर्जी ने बताया कि कोविड-19 के चलते जन सुरक्षा, सोशल डिस्टेंस रखने को इसे जूम ऐप-फेसबुक लाइव से प्रसारित किया जाएगा। सूर्यग्रहण के लिए एरीज में तैयारियां पूरी हैं। वैज्ञानिकों को कैमरे के सेटअप और टेलीस्कोप आदि की व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है। हालांकि बादल, बरसात का आशंका देखते हुए ग्रहण देखने में परेशानी हो सकती है।
कोविड-19 के खतरों को देखते हुए एरीज अपनी उच्च क्षमता की टेलीस्कोपों से सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा आम लोगों के लिए जूम ऐप-फेसबुक पर लाइव दिखाएगा। रविवार सुबह 10.25 बजे से दोपहर 1.54 बजे तक करीब चार घंटे तक वलयाकार (फायर रिंग, चूड़ामणि) ग्रहण अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कुछ भागों समेत पूरे उत्तर भारत में पूर्ण रूप से दिखेगा। उत्तराखंड में देहरादून, चमोली, नैनीताल समेत प्रदेश भर में इसे देखा जा सकेगा।
तीन टेलीस्कोप से दिखाया जाएगा ग्रहण
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे ने बताया कि शनिवार को एरीज में वैज्ञानिकों ने छह इंच टेलीस्कोप के लेंस आदि की चेकिंग के साथ 3-3 इंच की दो छोटी टेलीस्कोप की प्रसारण के लिए जांची गईं। शनिवार को बादल, कोहरे से परीक्षण में थोड़ी परेशानी आई। मगर दोपहर खिली धूप में टेलीस्कोप का परीक्षण कर लिया गया। रविवार का सूर्यग्रहण दिखाने के लिए एरीज पूरी तरह तैयार है।
अगला सूर्यग्रहण मई 2031 में
पिछला सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019 को दक्षिण भारत में देखा गया था। भारत से अगला वलायाकार सूर्यग्रहण 21 मई 2031 को दिखेगा। पूर्ण सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 को ही देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोविड-19 को सूर्यग्रहण से जोड़ा जाना अतार्किक है। यह पूरी तरह मिथक है।
सूर्य से 400 गुना छोटा नजदीक है चंद्रमा
चंद्रमा का आकार सूर्य से 400 गुना छोटा होता है। मगर चंद्रमा सूर्य की तुलना में 400 गुना नजदीक है, जिसके चलते हमें दोनों का आकार समान दिखता है। सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के बाहरी परत कोरोना के अध्ययन में भी उपयोगी है। शोधार्थी इस दिन वेलॉसिटी, डिस्टेंस आदि का अध्ययन करते हैं।
वैज्ञानिकों की सलाह
– सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से कतई न देखें।
– सूर्यग्रहण को उचित फिल्टर लगाकर ही देखें।
– एक्स-रे या साधारण चश्मा भी कारगर नहीं है।
– पिनहोल कैमरे या टेलीस्कोप से पर्दे पर इमेज देखें।
– सूर्यग्रहण में खाने, पीने और नहाने का परहेज नहीं है।
– कोरोना कोविड-19 से सूर्यग्रहण का कोई संबंध नहीं।