दुनिया के कोने-कोने तक आज योग ही योग है: प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हजारों स्वयंसेवियों के साथ योगासन किया जबकि कई केन्द्रीय मंत्री देशभर में इन कार्यक्रमों में शामिल हुए। देहरादून का कार्यक्रम हिमालय की गोद में स्थापित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आयोजित हुआ। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सुरेश प्रभु, उमा भारती, रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद क्रमश: लखनऊ, नागपु , चेन्नई, रुद्रप्रयाग, हाजीपुर और पटना में कार्यक्रमों में शामिल हुए।

इसके अलावा अन्य मंत्री अनंत कुमार, जे पी नड्डा, नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और प्रकाश जावडेकर क्रमश: बेंगलुरू, शिमला, ग्वालियर, नोएडा और मुंबई में आयोजित योग कार्यक्रम में गए। योग दिवस पर आज दुनियाभर में योग संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योगासन भारतीय ऋषियों द्वारा मानवजाति को दिये गये सबसे अनमोल उपहारों में से एक है।

मोदी के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘योग सिर्फ शरीर को फिट रखने वाला अभ्यास नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य का पासपोर्ट है , फिटनेस और तंदरुस्ती की कुंजी है। योग केवल वह अभ्यास नहीं जो आप सुबह करते हैं। पूरी समझदारी और जागरूकता के साथ अपने दिनभर के क्रियाकलाप करना भी योग का ही रूप है।’’ बयान में कहा गया कि योग संयम और संतुलन का वादा करता है। मानसिक तनाव से पीड़ित विश्व में यह शांति का वादा करता है।
ध्यान भंग करने वाले विश्व में यह ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है। भय के विश्व में यह आशा , मजबूती और साहस का वादा करता है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न योगासनों वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा कीं। उन्होंने दुनियाभर में विभिन्न स्थानों पर योग करते लोगों की तस्वीरें भी डालीं। मोदी ने इससे पहले 2015 में नयी दिल्ली के राजपथ, 2016 में चंडीगढ के कैपिटल कांप्लैक्स और 2017 में लखनऊ के रामाबाई अंबेडकर सभा स्थल में योग कार्यक्रमों में भाग लिया था।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून के भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि से दुनियाभर के योग प्रेमियों को योग दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कई दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के पर्वत- वायु भी योग के लिए प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भूमि हर किसी को आकर्षित करती है। कहा, मां गंगा की इस पवित्र भूमि पर जहां चार धाम स्थित हैं, जहां आदि शंकराचार्य के चरण पड़े, जिस भूमि ने स्वामी विवेकानंद को बार-बार आकर्षित किया, वहां योग दिवस के मौके पर हम सभी का होना ये किसी सौभाग्य से कम नहीं है। ये हम सभी भारतियों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं। वहां लोग सूर्य से योग का स्वागत कर रहे हैं।

कहा, दुनिया के कोने-कोने तक आज योग ही योग है। विश्व का हर नागरिक योग को अपना मानने लगा है। योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्सेस में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि जब तोड़ने वाली ताकतें बढ़ती हैं तो बिखराव आता है। ऐसे में योग शांति की अनुभूति कराता है। समाज में सद्भाव बढ़ाता और एक सूत्र में पिरोता है। बिखराव के बीच योग जोड़ने का काम करता है।

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चतुर्थ अंतरराष्‍ट्रीय योग की मेजबानी उत्‍तराखंड को मिलनी गौरव की बात है। कहा आपका (मोदी) का इस देवधरा से विशेष लगाव है, इस लिए आप हमारी चिंता करत हैं। मेजबानी के लिए सीएम ने पीएम मोदी का धन्‍यवाद किया। इस दौरान केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने योग पद्धति के विकास को की जा रहे विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने योग के महत्व को समझते हुए इसे अंतरराष्‍ट्री स्तर पर पहचान दिलाई है।

 

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