बिना टेस्ट किसी भी कैदी को पैरोल पर न छोड़ें
हरिद्वार निवासी ओमवीर की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कैदियों को पैरोल पर छोड़ने के लिये बीते वर्ष सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की सिफारिश पर बीते वर्ष 699 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान जेल महानिरीक्षक आईजी एपी अंशुमन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। सुनवाई कर रही खंडपीठ ने हाईपावर कमेटी को दो हफ्ते के अंदर बैठक कर सात अथवा इससे कम सजा प्राप्त बंदियों को पैरोल पर छोड़ने के मामले पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने हाईपावर कमेटी को दो हफ्ते में बैठक करने के निर्देश देते हुए आदेश दिए कि बिना टेस्ट किसी भी कैदी को पैरोल पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में छह जून तक प्रदेश के जेल महानिरीक्षक से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।