हरिद्वार में मकर संक्रांति की डुबकी के लिए आस्था का रेला उमड़ पड़ा। कड़ाके की ठंड में श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। गंगा घाटों पर मकर संक्रांति स्नान की तैयारियों को देर शाम अंतिम रूप दे दिया गया था। सूर्य के उत्तरायण होने पर देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर डुबकी लगाने की व्यवस्था की गई है।
इस बार भी मकर संक्रांति की डुबकी दो दिन लगेगी। शनिवार की रात सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं, स्नान सुबह से ही आरंभ हो जाएगा। लेकिन, पुण्यकाल की मान्यता रखने वाले रविवार को संक्रांति की डुबकी लगाएंगे। शनिवार की रात 8:44 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही खरमास उतर जाएगा।
उदया तिथि की मान्यता के क्रम में पुण्यकाल रविवार की सुबह से शाम तक रहेगा। लेकिन संगम पर डुबकी शनिवार को ही लगने लगेगी। सूर्य के उत्तरायण होने से पहले मकर संक्रांति स्नान के लिए श्रद्धालुओं का रेला पहुंच गया था। मकर संक्रांति के स्नान के लिए देश के कोने-कोने से संतों-भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
हर हर गंगे के जयकारों के साथ श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ने भी शांति बनाए रखने के लिए कमर कसी हुई है। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए मेला क्षेत्र को सात जोन व 17 सेक्टरों में बांटा गया है।
शहर में दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली और ट्रक 14 जनवरी की दोपहर दो बजे तक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं।