देहरादून। हाल ही में आये उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छी खबर लेकर नहीं आये। भाजपा के रणनीतिकारों और पार्टी के दिग्गज नेताओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि ऐसा भी हो सकता है। 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे बीजेपी की टेंशन बढ़ाने के लिए काफी हैं। बीजेपी को उपचुनाव में मिले इस करारे झटके पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी विचार मंच के राष्ट्रीय महासचिव इमरान अहमद ने कहा कि भाजपा को उपचुनाव में कर्मों की सज़ा मिली है।
कांग्रेस नेता इमरान अहमद ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के कार्यकाल से देश की जनता बुरी तरह से त्रस्त है, इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी को मुँह की खानी पड़ी। पार्टी को सबसे जोरदार झटका यूपी में लगा है, जहां उसे कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट गंवानी पड़ी है। कुछ वक्त पहले गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में भी बीजेपी को तगड़ा झटका लगा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी के चेहरे पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्य रणनीतिकार अमित शाह की टेंशन महज इन सीटों पर मिली हार भर नहीं है। दरअसल, आंकड़े यह कहते हैं कि सीट गंवाने के अलावा बीजेपी का वोट शेयर भी गिरा है।
इमरान अहमद ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि देश की जनता अब भाजपा के राज से आज़िज़ आ चुकी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के राज में पेट्रोल, डीज़ल, घरेलू गैस और खाद्य सामग्री समेत तमाम चीज़ें महंगाई की चरम सीमा पर हैं। मोदी सरकार ने 2014 के आम चुनाव से पहले देश की जनता से वादा किया था कि अच्छे दिन आएंगे, काला धन वापिस आएगा, महंगाई कम होगी और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जुमलों की ये सरकार 2019 में एक बार फिर से सत्ता में आने को छटपटा रही है मगर देश की जागरूक जनता अच्छी तरह से समझ चुकी है भाजपा की असलियत को। देश के मतदाता को अब मोदी सरकार का असली चेहरा साफ दिखाई दे रहा है और वो दोबारा इस सरकार को चुनने के मूड में कतई नहीं है।