बिना प्रभु को जाने भक्ति सम्भव नही
– बहन सुशीला रावत जी
देहरादून 23 अक्टूबर। सन्त निरंकारी मण्डल के तत्वाधान में आयोजित रविवारीय सत्संग, निरंकारी सत्संग भवन, रैस्टकैम्प में पूज्य बहन सुशीला रावत (ज्ञान प्रचारक) जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन करते हुए कहा कि सारा संसार प्रभु भक्ति में तो लगा हुआ है, परन्तु जिस प्रभु की भक्ति की जा रही है उसकी पहचान नही है। सत्गुरू की कृपा से ही परमात्मा को बोध सम्भव है, जिसके बाद भक्त को वह ज्ञानरूपी दृष्टि प्राप्त होती है, जिससे वह माया और मायापति की पहचान कर पाता है।
उन्होनें आगे फरमाया कि परमात्मा के ज्ञान बिना मनुष्य पशु से भी बत्तर है, क्योकि अन्य भोग योनियां भी
अपने जीवन व्यापन के लिए प्रयासरत है। परन्तु महापुरूषों ने केवल मानव योनि को ही सर्वश्रेष्ठ कहा है क्योकि केवल मानव योनि में परमात्मा को सत्गुरू के ज्ञान के द्वारा पाया जा सकता है। जिनको इस परमात्मा का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वह इसे अपने जीवन में धारणकर सुख प्राप्त करते है। सत्संग में आने से हमें ब्रहमज्ञानियों का संग प्राप्त होता है। ऐसे ब्रहमज्ञानियों के वचन सुनकर उन वचनों पर विचार करके ही हम अपने मन को सेवा-सुमिरन सत्संग में लगा सकते है। ऐसा होने पर हमारे मन से काम, कोध्र, लोभ, मोह एवं अहंकार का नाश होता है तथा मन पवित्र होकर परमात्मा की भक्ति में लग जाता है। आज निरंकारी मिशन इस विचारधार का प्रचार-प्रसार करके समस्त संसार को एक कर रहा है। मनों से बैर-ईष्या को मिटा रहा है। तब छोटे-बड़े का मान व अवगुण हृदय से मिट जाते है। एकत्व के इस भाव से ही विश्व में शान्ति स्थापित हो पायेगी।
69वें वार्षिक सन्त समागम जो कि दिनांक 19 नवम्बर से 21 नवम्बर, 2016 तक बुराड़ी रोड़, दिल्ली में होगा, के लिए ब्रांच देहरादून से समागम की तैयारियों हेतु दिनांक 22.10.2016 को करीब 50 साधसंगत एवं सेवादल के भाई बहन भी रवाना हुए जिनका नेतृत्व श्री गीताराम काला जी ने किया।
सत्संग समापन से पूर्व अनेको सन्तो-भक्तो ने अपनी क्षेत्रीय भाषा का सहारा लेकर गीतो एवं विचारों से संगत को निहाल किया। सत्संग कार्यक्रम में मंच संचालन बहन कृष्णा जी द्वारा किया गया।