आयुष्मान और सीजीएचएस से जुड़े अस्पतालों में भी कोरोना टीकाकरण
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप मर्तोलिया ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण का विकल्प चुनने वालों को फ्री में वैक्सीन लगाई जाएगी। जबकि सभी प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण के लिए 250 रुपये देने होंगे। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए स्वयं पंजीकरण व ऑन-स्पॉट पंजीकरण दोनों प्रकार की सुविधा दी गई है।
उत्तराखंड में बुजुर्ग और बीमार लोगों का कोरोना टीकाकरण आयुष्मान और सीजीएचएस योजना से जुड़े अस्पतालों में भी होगा। टीकाकरण में तेजी के लिए अधिक से अधिक अस्पतालों में टीकाकरण शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
टीकाकरण के लिए जरूरी दस्तावेज
टीका लगवाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड, फोटो के साथ पेंशन डॉक्यूमेंट आदि में से किसी दस्तावेज को साथ रखें। वहीं जिन नागरिकों की उम्र 45 वर्ष से 59 वर्ष है उन्हें चिकित्सक का जारी किया हुआ सूचीबद्ध बीमारी का प्रमाण पत्र अपने साथ रखना है।
रजिस्ट्रेशन कैसे करें
सबसे पहले आपको cowin.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर या फिर आधार नंबर दर्ज करना होगा। फिर आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद आप इस पर रजिस्टर्ड हो जाएंगे। इसी प्रकार अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अपनी सहूलियत के अनुसार अपने नजदीकी सेंटर और तय समय का चयन कर सकते हैं। जो भी तारीख और समय पर स्लॉट मिला है उस समय पर वैक्सीन सेंटर पहुंच कर खुराक ले सकते हैं।
इन बीमारियों को शामिल किया गया है
-हार्ट फेलियर की वजह से पिछले एक साल में अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो।
-काडियेक ट्रांसप्लांट हुआ हो या फिर लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस लगी हो।
-सिग्निफिकेंट लेफ्ट वेंट्रीकुलर सिस्टोलिक डिस्फंक्शन।
-मॉडरेट या गंभीर वेल्वुलर हार्ट डिसीज।
-डायबिटीज (10 साल से ज्यादा वक्त से या जटिलताओं के साथ) और हाइपरटेंशन
-किडनी/लिवर/हेमैटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कराने वाले या इसकी वेट लिस्ट में शामिल।
-एंड स्टेज किडनी डिसीज ऑन हैमोडायलिसिस/सीएपीडी।
-लंबे वक्त से इम्यूनिटी में दिक्कत।
-डिकंपेन्सेटेड सिरोसिस।
-कंजेनिटल हार्ट डिसीज विद सिवियर पीएएच।
-कोरोनरी आर्टरी डिसीज (सीएबीजी/पीटीसीए/एमआइ की हिस्ट्री के साथ) और हाइपरटेंशन/डायबिटीज जिसका इलाज चल रहा हो।
-एन्गिना और हाइपरटेंशन/डायबिटीज ट्रीटमेंट।
-स्ट्रोक (सीटी/एमआरआइ टेस्ट में) और हाइपरटेंशन/डायबिटीज।
-पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन और हाइपरटेंशन/डायबिटीज।
-प्राइमरी इम्यूनोडिफिएंसी डिसीज/एचआईवी संक्रमण।
-अपंगता जैसे इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज/मस्कुलर डिस्ट्रोफी/एसिड अटैक से श्वसन तंत्र का प्रभावित होना/ दिव्यांग व्यक्ति/अंधापन-बहरापन।
-पिछले दो सालों में सांस से गंभीर बीमारी की वजह से कभी अस्पताल में भर्ती हुए हों।
-लिम्फोमा/ल्यूकीमिया/मायलोमा
-एक जुलाई 2020 या उसके बाद जांच में किसी तरह के कैंसर सिकल सेल डिसीज/बोन मैरो फेलियर/एप्लास्टिक एनीमिया/थैलासीमिया मेजर।