नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सीबीएसई की दसवीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा पत्र लीक होने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर देश की युवा शक्ति के भविष्य को अंधकार में डालने का आरोप लगाते हुए आज मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं सीबीएसई अध्यक्ष अनीता कारवाल के इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने इस मामले की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश की युवा शक्ति पर ग्रहण लगाने पर तुली है और उसके भविष्य को अंधकारमय बना रही है। उन्होंने कहा कि सबसे शर्मनाक बात यह कि अब तो देश के भविष्य को भी चुराया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि देश के चौकीदार को इसकी खबर नहीं है। किंतु चौकीदार तो रजाई ओढ़ कर सोने का स्वांग कर रहे हैं क्योंकि चोर से उनकी कहीं न कहीं नातेदारी है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि दसवीं और बारहवीं की परीक्षा विद्यार्थी के भविष्य की बुनियाद होती है। ‘‘मोदी सरकार ने सीबीएसई के तीन पत्र लीक करवा कर उनकी बुनियाद को चुरा लिया है।’’ उन्होंने कहा कि इससे पहले भी व्यापम घोटाले और एसएससी परीक्षाओं में गड़बड़ी के कारण युवाओं का भविष्य अधिकार में डाला गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) एकाउंट्स, अर्थशास्त्र एवं गणित के परीक्षा पत्र ही नहीं लीक हुए बल्कि भौतिकशास्त्र एवं जीव विज्ञान के पेपर लीक होने की बात भी सामने आ रही है जिसकी जांच नहीं हुई।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में फूलने-फलने वाले शिक्षा माफिया ने लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि ‘‘क्या एग्जाम वारियर अब चीटिंग वारियर हो गये हैं?’’ उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी एवं तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सीबीएसई के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद को दो साल तक खाली क्यों रखा ? आखिरकार इस पद पर जुलाई 2016 को नियुक्ति की गयी लेकिन उन्हें बाद में हटा दिया गया। इसके बाद सितंबर 2017 में इस पद अनीता करवाल को नियुक्त किया गया। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में दो अलग अलग मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।