बेरोजगारों को नौकरी के लिए करना पड़ेगा लंबा इंतजार
चयन आयोग, एक परीक्षा फार्म के साथ आवेदक से परीक्षा शुल्क के रूप में औसतन 220 रुपये वसूलता है, जबकि परीक्षा कराने पर प्रति परीक्षार्थी लगभग तीन सौ रुपये का खर्च आता है। इस खर्च में मुख्य रूप से स्टेशनरी, परिवहन के साथ कक्ष निरीक्षकों की तैनाती शामिल है। इसके अलावा आयोग को परीक्षा केंद्र को भी कुछ भुगतान करना होता है।
कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के मानक के साथ परीक्षाएं कराना, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए खासा महंगा साबित हो रहा है। नए मानकों के चलते परीक्षा का खर्च तीन गुना हो गया है। इस कारण आयोग ने फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक परीक्षाएं टालने का निर्णय लिया है।
अब सोशल डिस्टेंस के मानक के अनुसार, आयोग को एक कमरे में अधिकतम 15 परीक्षार्थियों को ही बैठना है। इससे किसी भी परीक्षा को कराने में कमरों और कक्ष निरीक्षकों की संख्या दोगुनी करनी पड़ रही है। इसके अलावा भी आयोग को केंद्रों पर संक्रमण रोकने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर नई व्यवस्था में आयोग को प्रति परीक्षार्थी लगभग नौ सौ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यदि परीक्षा ऑनलाइन भी कराई जाती है तो भी यह खर्च छह सौ रुपये प्रति परीक्षार्थी बैठ रहा है।
आबकारी सिपाही, परिवहन विभाग, प्रवर्तन सिपाही और सहायक कृषि अधिकारी के पदों के लिए आगामी महीनों में परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। लेकिन सोशल डिस्टेंस के मानकों के चलते परीक्षा का खर्च तीन गुना बढ़ रहा है। इसके चलते फिलहाल हालात सामान्य होने तक परीक्षा नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। हालांकि सरकार से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के अनुरूप कदम उठाए जाएंगे। -संतोष बडोनी, सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षार्थियों को ही बैठाया जा सकता है एक कमरे में सोशल डिस्टेंस के मानक के अनुसार |