उत्तराखंड में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आएगी सीएनजी नीति
सरकार पर राष्ट्रीय हरित अभिकरण(एनजीटी) के आदेश को पालन करने का दबाव है। इसके तहत सरकार को 2022 तक सड़कों पर धुआं छोड़ने वाले वाहनों की जगह सीएनजी वाहनों को चरणबद्ध ढंग से शामिल करना है।
उत्तराखंड की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसों को हवा में घुलने से रोकने के लिए सरकार अब सीएनजी नीति लाने जा रही है। पर्यावरण निदेशालय और परिवहन विभाग को नीति का ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौपा गया है।
पर्यावरण निदेशालय के अध्यक्ष एसपी सुबुद्धि ने प्रस्ताव तैयार करने की पुष्टि की है। नीति का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इसका प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। परिवहन विभाग अलग से सीएनजी नीति का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
– वायु प्रदूषण कम करना
– सीएनजी के लिए प्रोत्साहित करना
– उन रियायतों का प्रस्ताव बनाना जिससे लोग सीएनजी को अपनाए
– सीएनजी के इस्तेमाल को लेकर नियम तैयार करना
-वाहनों को सीएनजी में बदलने की नीति बनेगी
– सीएनजी वाहनों को लेकर मानक तैयार होंगे
– पुराने वाहनों को सीएनजी में बदलने की योजना बनेगी
-सीएनजी वाहनों के संचालन का कार्य होगा
-सीएनजी वाहनों को प्रोत्साहन पर काम होगा
सबसे पहले सरकारी वाहनों को सीएनजी में लाएंगे
एनजीटी के तहत 2022 तक सभी वाहनों को सीएनजी में बदलना है। इसके लिए सरकार चरणबद्ध योजना बनाएगी। पहले चरण में सरकारी वाहनों को सीएनजी में बदला जाएगा। प्रदेश में 15 से 20 हजार सरकारी वाहन होने का अनुमान है। दूसरे चरण में करीब ढाई लाख सार्वजनिक वाहनों को सीएनजी में बदला जाएगा। तीसरा चरण निजी वाहनों को सार्वजनिक वाहनों में बदलने का होगा।
28 लाख से ज्यादा वाहन हैं प्रदेश में
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 28 लाख से अधिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा करीब साढ़े 11 लाख वाहन देहरादून में हैं। हरिद्वार में 5.62 लाख और हरिद्वार 4.88 लाख वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
सोशल डेवलपेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक, उनकी संस्था ने देहरादून शहर के कई स्थानों में प्रदूषण को लेकर सर्वेक्षण किया। शहर के कई इलाकों में निर्धारित मानकों से चार गुना वायु प्रदूषण है। सीएनजी वाहन वक्त की जरूरत है। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है। लेकिन वायु प्रदूषण के दूसरे कारणों से बचाव के उपाय भी तलाशने होंगे।