उत्तराखंड में CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट पकड़ेंगे रफ्तार
सीएम त्रिवेंद्र रावत कई बार महिलाओं के सिर से घास का बोझ कम करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। इसके लिए पिछली कैबिनेट में सहकारिता विभाग के अधीन मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत सरकार किसानों को मक्का चारा से बना सायलेज सब्सिडी के साथ उपलब्ध कराएगी। अब सीएम ने घस्यारी कल्याण योजना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना जल्द लांच हो सकती है। इस योजना से करीब साढ़े तीन लाख पशुपालक महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही इस चारे से दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
त्रिवेंद्र सरकार के पांचवें बजट भाषण में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की साफ झलक दिखाई दी। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल घस्यारी योजना, पलायन रोकथाम से लेकर सीएम स्वरोजगार योजना के लिए बजट प्रावधान किया गया है।
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पिछले साल के बजट में पलायन प्रभावित 474 गांवों के लिए मुख्यमंत्री पलायर रोकथाम योजना की घोषणा की थी, इस योजना के तहत इन गांवों में रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए गैप फडिंग की जाती है। इस साल भी योजना के लिए 18 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना पलायन से पचास प्रतिशत तक खाली हो चुके चिन्हित गांवों में चलाई जा रही है। गौरतलब है कि सीएम ने पलायन को अपनी प्राथमिकता में लेते हुए पलायन आयोग का भी गठन किया है। इसी तरह सरकार ने सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए भी 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
सीएम स्वरोजगार योजना भी राज्य सरकार की प्राथमिकता में रही है। खासकर कोरोना काल के दौरान आए प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने सीएम स्वरोजगार योजना पर खासा जोर लगाया। इस बजट में भी सरकार ने 40 करोड़ रुपए का प्रावधान सीएम स्वरोजगार योजना के लिए किया है। सहकारिता विभाग की दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए भी 47 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।