उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने को श्रम कानूनों में बदलाव

उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने को श्रम कानूनों में बदलाव

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में ऐसे नए उद्योग जो एक हजार दिन के भीतर उत्पादन शुरू कर देंगे। उनके लिए एक हजार दिन तक श्रम कानूनों के कई प्रावधानों में छूट रहेगी। कोविड को ध्यान में रखते हुए उद्योगों को बढ़ावा देने को नियमों में शिथिलता दी गई है। इसके लिए कारखाना अधिनियम में धारा पांच ए और औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 36 सी को जोड़ा गया। अधिनियम में ये दोनों नए प्रावधान केंद्र सरकार के स्तर से दिए गए निर्देश के बाद किए गए हैं।

नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने को उत्तराखंड सरकार ने श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किए हैं। उन्हें राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अध्यादेश पर राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही उसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

राज्य सरकार की ओर से अधिनियम में संशोधन को अध्यादेश केंद्र को भेजा गया था। इन दोनों संशोधनों के बाद न तो उद्योगों पर कारखाना अधिनियम और न ही औद्योगिक विवाद अधिनियम 1000 दिन तक लागू होगा। इससे उद्योगों को श्रमिक विवाद से लेकर कारखाना संचालन से जुड़े मानकों का दबाव रहेगा। 1000 दिन तक नियम, मानक स्थगित रहेंगे।

300 से ज्यादा कर्मचारियों पर छंटनी की छूट

ऐसे उद्योग जहां कर्मचारियों की संख्या 300 से ज्यादा है, वहां उद्योगों को कर्मचारियों की छंटनी का अधिकार होगा। इसके लिए उन्हें कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस देना होगा। नोटिस न देने पर कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन देना होगा।

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