तीन उपचुनावों में भाजपा की सल्ट में हुई सबसे बड़ी जीत

तीन उपचुनावों में भाजपा की सल्ट में हुई सबसे बड़ी जीत

राज्य में इससे पहले गढ़वाल की थराली सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत का अंतर 1918 रहा था। जबकि, पिथौरागढ़ के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रा पंत ने 3,267 मतों से जीत दर्ज की थी। यहां उल्लेखनीय है कि बीते दो उप चुनाव की बजाय सल्ट को कांग्रेस ने पूरी गंभीरता से लिया था। यहां तक कि टिकट वितरण के बाद से इस उपचुनाव को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सीएम हरीश रावत की प्रतिष्ठा से जोड़ कर देखा जा रहा था।

उत्तराखंड के तीसरे उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी महेश जीना की जीत के साथ ही सबसे बड़ी जीत का कीर्तिमान भी दर्ज हो गया है। भाजपा की जीत का अंतर पिछले दो चुनावों से काफी आगे यानी 4697 तक पहुंचा। सल्ट में मिली जीत का श्रेय सीएम तीरथ सिंह रावत की  झोली में आया है। भाजपा प्रत्याशी महेश जीना को कुल 21874 मत मिले। जबकि दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस की गंगा पंचोली को 17177 मत मिले। तीन बार के विधायक रहे सुरेंद्र जीना के निधन के बाद यह उप चुनाव हुआ था। भाजपा की जीत में जनता के बीच सहानुभूति को मुख्य फैक्टर माना जा रहा है। इस उपचुनाव में 18 हजार 81 पुरुषों और 23 हजार 470 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद सल्ट विधानसभा का यह पांचवां चुनाव था। विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद यहां उपचुनाव की नौबत आई थी। सल्ट में पहली बार 2002 में हुए चुनाव में कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत विधायक चुने गए थे। तब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह को पराजित किया। जबकि 2007 में इसी सीट पर दूसरे विधान सभा चुनाव में भी कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत ने जीत हासिल की। उस दौरान आईएनडी के दिनेश सिंह दूसरे, जबकि भाजपा के प्रमोद नैनवाल तीसरे स्थान पर रहे थे। भिकियासैंण विधानसभा का अस्तित्व समाप्त होने के बाद सल्ट में 2012 के चुनाव में भाजपा ने भिकियासैंण से विधायक रहे सुरेंद्र सिंह जीना को यहां मैदान में उतारा। जीना ने दो बार के विधायक रणजीत सिंह रावत को 5444 मतों से मात दी। जीना को 23 हजार 956 और रणजीत को 18512 मत मिले। जीना को  51.08 तथा रणजीत को 39.47 प्रतिशत मत मिले थे।

सल्ट से विजयी भाजपा उम्मीदवार महेश जीना मात्र 17 दिन के प्रचार से विधायक निर्वाचित हो गए। उनका नामांकन पत्र, दाखिल करने के आखिरी दिन यानी 30 मार्च को घोषित किया गया था। नामांकन कराने के बाद ही भाजपा प्रत्याशी महेश जीना औपचारिक तौर पर वोट मांगने जनता के बीच गए। नवंबर में तत्कालीन विधायक भाई सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद से सीट खाली थी। सुरेंद्र की पत्नी का भी निधन हो गया था। छोटे अंतराल में दो-दो वज्रपात से जीना परिवार सदमे में रहा। इधर, सल्ट उपचुनाव की तैयारी के बीच महेश जीना सक्रिय हो गए थे। लेकिन, नामांकन के आखिरी दिन तक भाजपा ने प्रत्याशी को लेकर पत्ते नहीं खोले थे। इस बीच महेश जीना की शानदार जीत हुई है। सल्ट क्षेत्र में सुरेंद्र जीना के प्रति लोगों के स्नेह के साथ सरकार और पार्टी आला कमान के सहयोग से महेश जीना ने राज्य में अब तक हुए तीन उपचुनावों में सबसे अधिक अंतर से जीत का रिकॉर्ड भी बना दिया।

वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना ने कांग्रेस की गंगा पंचोली को 2904 मतों से मात दी थी। जबकि आठ प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी। सुरेंद्र को 21581 मत मिले थे, जबकि गंगा को 18677 मत। तीसरे स्थान पर नोटा रहा, जिसे 812 मत मिले। चौथे स्थान पर रहे भुवन जोशी को 669, पांचवें स्थान पर रहे बीएसपी के भोलेशंकर को 664, छठे स्थान पर यूकेडी की गंगा देवी को 459, सातवें स्थान पर रहे उपपा के नारायण सिंह को 268, आठवें स्थान पर रहे महिपाल सिंह निर्दलीय को 262 मत मिले थे। तब सुरेंद्र जीना को 50.09% मत मिले थे।

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