भारत में आ सकता है आर्थिक संकट

नयी दिल्ली। व्यापार संबंधी मुद्दों तथा ऊंची ब्याज दरों की वजह से भारत से पूंजी बाहर जाने का जोखिम है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। हालांकि , रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल ऐसा जोखिम 2013 की तुलना में कुछ कम रहेगा। एसएंडपी की रिपोर्ट ‘एपीएसी इकनॉमिक स्नैपशॉट्स- जुलाई 2018’ में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र की वृहद आर्थिक वृद्धि रफ्तार कायम है। हालांकि , अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव चल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से आर्थिक आंकड़े कुल मिलाकर सकारात्मक बने हुए हैं। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) 50 से ऊपर है , जो एक व्यापक और मजबूत रुख का संकेतक है। एसएंडपी ने कहा, ‘‘ हाल के सप्ताहों में रुपया स्थिर हुआ है। हालांकि , व्यापार मुद्दों तथा ऊंची ब्याज दरों की वजह से भारत से पूंजी की निकासी हो सकती है। रिपोर्ट कहती है कि ऋण की वृद्धि भी रफ्तार पकड़ रही है। व्यापार वृद्धि मजबूत है, लेकिन कच्चे तेल के ऊंचे दाम कुल बाहरी संतुलन को झटका दे रहे हैं।

कच्चे तेल के ऊंचे दामों की वजह से मुद्रास्फीति भी ऊंची है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री पॉल ग्रुएनवाल्ड ने कहा, ‘‘ हालांकि पूंजी की निकासी की दृष्टि से भारत संवेदनशील बना हुआ है , लेकिन 2013 की तुलना में यह जोखिम कम है। अमेरिका में ऊंची ब्याज दरों की वजह से भारत से पूंजी निकासी का जोखिम बना हुआ है। अमेरिका द्वारा ऊंचे आयात शुल्क लगाने के बाद से चीन, यूरोप और भारत जैसे देशों ने भी जवाबी कार्रवाई की है। इससे व्यापार युद्ध की स्थिति बनी हुई है।

वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से अमेरिका में ब्याज दरें रिकॉर्ड निचले स्तर पर बनी हुई थी। दिसंबर , 2015 से अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में फिर वृद्धि शुरू की है। जनवरी , 2017 तक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में पांच बार वृद्धि कर चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *