बारिश बनी मुसीबत, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

देहरादून। चौबीस घंटे से बरस रहे आसमान ने उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पौड़ी जिले के कोटद्वार में पनियाली स्रोत में बही महिला लापता है तो पिथौरागढ़ में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई। कोटद्वार में भारी बारिश से मालन, सुखरो और पनियाली स्रोत में उफान आ गया। क्षेत्र के करीब पांच सौ घरों में मलबा घुसने से नुकसान हुआ है, जबकि तीन मकान जमींदोज हो गए। प्रशासन ने इलाके को खाली करा स्थानीय इंटर कॉलेज में प्रभावितों को ठहराया है।

इसके अलावा कोटद्वार-पौड़ी हाईव पर मलबा आने से यातायात रोक दिया गया है। वहीं, रुड़की के बुग्गावाला क्षेत्र में सुकरो नदी के तेज बहाव की चपेट में आकर एक व्‍यक्ति धर्मपाल (65 वर्ष) की मौत हो गई। हादसा शनिवार शाम छह बजे का है, जब वह खेत में चारा लेने जा रहा था। इसी दौरान वह नदी पार करने लगा तो नदी के तेज बहाव में बह गया। शनिवार रात को उसका शव पुलिस ने बरामद किया।

शुक्रवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश का क्रम शनिवार को भी जारी रहा। बारिश का सर्वाधिक प्रभाव मैदानी क्षेत्रों में नजर आया। हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में हालात गंभीर हो गए। जगह-जगह जल भराव से लोग परेशान हैं। पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र में स्थानीय नदियों के उफान से लोग भयभीत हो गए। मलबा घुसने से कोटद्वार में कार्बेट नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार स्थित रिसेस्पशन कक्ष को भी क्षति पहुंची है। प्रशासन की टीम मौके पर राहत कार्यों में जुटी है। कुमाऊं में हालात गढ़वाल की तरह ही हैं। चम्पावत जिले में  टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह मलबा आने से बंद है।  बागेश्वर जिले में भारी बारिश से आठ मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

हरिद्वार में चेतावनी रेखा के ऊपर बह रही गंगा

हरिद्वार जिले में गंगा चेतावनी रेखा के ऊपर बह रही है। सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 293.10 मीटर रेकार्ड किया गया, जबकि चेतावनी स्तर 293 मीटर और खतरे का निशान 294 मीटर है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लक्सर में कल कलसिया तटबंध के क्षतिग्रस्त होने के बाद से आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं। हालांकि, जिला और तहसील प्रशासन ने उन्हें पास के एक इंटर कालेज में ठहराने का इंतजाम कर दिया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया परिस्थितियों को देखते हुए सभी जरूरी प्रबंध किया जा रहा है।  अधिकारियों को तटवर्ती क्षेत्रों में कैंप करने का निर्देश दिया गया है।

बदरीनाथ में हाईवे तीसरे दिन भी बंद

पहाड़ों में सफर मुश्किल होता जा रहा है। लगातार भूस्खलन के कारण बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में बंद हाईवे तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। करीब छह सौ यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका गया है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग के पास सिरोबगड़ में भी भूस्खलन से यातायात ठप है। यहां पर मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा तीन स्थानों पर मलबा आने से गंगोत्री हाईवे भी सात घंटे बंद रहा, जबकि केदारनाथ हाईवे पर भी यातायात बाधित है। भूस्खलन से प्रदेश में 122 सड़कें बंद हैं।

गंगा चेतावनी रेखा के पार

हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा के पार बह रही है। पहाड़ों में बारिश के कारण गंगा की सहायक नदियां भी उफान पर हैं। ऋषिकेश में कई गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा ऋषिकेश के पास सौंग नदी का जलस्तर बढऩे से गौहरी माफी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने गंगा के किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। शारदा नदी में जलस्तर बढऩे के कारण शारदा बैराज से वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

आज भी भारी बारिश के आसार

मौसम विभाग के अनुसार रविवार को भी प्रदेश में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। विशेषकर कुमाऊं और कुमाऊं से सटे गढ़वाल के जिलों में विशेष सजगता की सलाह दी गई है।

बनबसा में हुड्डी नदी का जलस्‍तर बढ़ा

गत शनिवार रात्रि से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जगह जगह जलभराव से लोगों को आवाजाही करने में भारी समस्या का सामना करना पड रहा है। रविवार रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को अपने गंतव्य को जाने में परेशानी का सामना करना पड रहा है। वहीं पहाडों में लगातार बारिश से शारदा नदी और हुड्डी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। हुड्डी नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ जैसे हालात हो गये हैं। सुबह शारदा नदी का जलस्तर एक लाख 40 हजार क्यूसेक पहुंच गया है, जिसके चलते बैराज को बंद कर आवाजाही पर रोक लगा दी है।

कोटद्वार में हो रही बारिश, कई मार्ग बंद

कोटद्वार में बीती रात से लगातार बारिश जारी है। शनिवार सुबह बंद हुआ नेशनल हाईवे अभी तक नहीं खुल पाया है। प्रशासन की तरफ से कोटद्वार-रामड़ी-एता मार्ग से वाहनों को चलने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन लगातार जारी बारिश में कारण यह मार्ग भी बंद हो गया है। कोटद्वार से पर्वतीय छेत्रों में दूध सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूति बंद है, जिस कारण लोगों को परेसानी उठानी पड़ रही है। मार्ग बंद होने के कारण कोटद्वार-दुग्गडा के बीच दो सौ से अधिक वाहन फंसे हुए है। शनिवार सुबह पनियाली गदेरे के सैलाब में बही महिला का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। क्षेत्र के 250 परिवारों को राहत शिविर में ठहराया गया है। प्रशासन शाम तक राजमार्ग खुलने की बात कह रहा है, लकिन लगातार जारी बारिश के कारण यह संभव होता नजर नहीं आ रहा।

नैनीताल में बारिश से हो रही पेरशानी

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। नैनीताल में तेज बारिश से झील का जलस्तर करीब दस फिट पहुंच गया है, जबकि भूस्खलन व मलबा आने से नौ ग्रामीण मार्ग बंद पड़े हैं। जबकि हल्द्वानी मार्ग में नैना गांव के पास पेड़ गिरने से हाइवे बंद हो गया है। आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार पेड़ हटाने के लिए विभागीय अधिकारी रवाना हो चुके हैं। इधर लोअर माल रोड में लगातार कटाव से अपर माल को भी खतरा बढ़ रहा है।

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