देहरादून। ह्यूमन राइट्स जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान अहमद ने उत्तराखण्ड में बढ़ते हुए अपराधों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने मीडिया को दिये गये अपने बयान में कहा कि राज्य में तेजी से अपराधों में इजाफा होना वाकई बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में पिछले कुछ वर्षों में अपराधों में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, खासतौर पर राजधानी देहरादून में।
इमरान अहमद ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आये शातिर अपराधी राजधानी में दून में शरण लिये हुए हैं और अपराध करने के लिहाज से वे देहरादून को साफ्ट टारगेट मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी देहरादून अपराधियों की शरणस्थली बन चुकी है। बाहरी राज्यों में गंभीर अपराधों को अंजाम देकर अपराधी यहां आसानी से पनाह लेकर छुप जाते हैं और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं होती।
उन्होंने कहा कि ये सब कानून की नाक के नीचे घटित हो रहा है। इमरान अहमद ने स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देहरादून समेत सूबे में चोरी, डकैती, लूट, हत्या, बलात्कार, अपहरण और अन्य अपराधों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। मगर पुलिस अपराधियों को पकड़ने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए वही अपने पुराने ढर्रे पर चल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपने काम करने के अंदाज में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है।
इमरान अहमद ने कहा कि सरकार की ओर से हर तरह की आधुनिक सुविधाएं मिलने के बावजूद भी पुलिस महकमा अपराधियों की धरपकड़ के मामले में काफी पीछे है। उन्होंने आम नागरिकों को भी अपराधों के विरूद्ध एकजुट होकर लड़ाई लड़ने एवं जागरूक होने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानवाधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवयश्कता है ताकि उनके अधिकारों का हनन न हो सके, खासतौर पर महिलाओं को। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में महिलाओं के विरूद्ध अपराध तेजी से बढ़े हैं। ज्यादातर मामलों में महिलाएं लोकलाज के भय से अपराधों को सहन करती हैं और अपराधियों को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने महिलाओं से जागरूक होकर अपराध के विरूद्ध खड़े होने और संघर्ष करने की बात कही।