सिटी मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार नगरीय क्षेत्र में अत्याधिक यातायात दबाव और सुरक्षा को देखते हुए परेड ग्राउंड लैंसडौन चौक के पास संचालित धरना स्थल को शिफ्ट किया जाना अनिवार्य प्रतीत हो रहा है। उप नगर आयुक्त की ओर से प्रस्तावित अधोईवाला के खसरा संख्या 196 और 205 में धरना स्थल बनाया जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा है कि होली के तुरंत बाद यानी 11 मार्च से परेड मैदान में कोई धरना नहीं होने दिया जाएगा और भविष्य में भी सभी धरना-प्रदर्शन की अनुमति अधोईवाला के लिए ही दी जाएगी। वर्तमान में परेड मैदान में धरने पर बैठे संगठनों को भी 11 मार्च तक परेड ग्राउंड से हटने को कहा जाएगा।
होली के बाद परेड मैदान से धरना स्थल अधोईवाला शिफ्ट हो जाएगा। नगर मजिस्ट्रेट ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं। यातायात सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्रवाई अनिवार्य मानते हुए यह आदेश जारी किए गए हैं। अब परेड मैदान से धरना स्थल हर हाल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, अब नया धरना अधोईवाला होगा।
महापौर तीन माह से कर रहे थे तैयारी
महापौर सुनील उनियाल गामा बीते दिसंबर के अंतिम सप्ताह से ही धरना स्थल शिफ्ट करने की तैयारी में थे। उन्होंने नए साल से धरना स्थल ननूरखेड़ा शिफ्ट करने की बात कही थी, लेकिन यह अधिक दूर होने के कारण विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया था। जिस पर महापौर नए स्थान पर विचार करने लगे। इसके बाद सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में धरना स्थल शिफ्ट करने की बात कही। लेकिन, इसे लागू कराने में लगातार समय लगता रहा।
स्मार्ट सिटी के तहत बनना है कॉम्प्लेक्स
स्मार्ट सिटी के कार्य और शहर के यातायात को सुधारने की दृष्टि से परेड ग्राउंड से धरना स्थल शिफ्ट करने की कवायद की जा रही है। दरअसल, परेड ग्राउंड के जिस हिस्से में धरना स्थल है, उस पर स्मार्ट सिटी के तहत एक विशाल कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना है। ऐसे में वहां से धरना स्थल शिफ्ट करना जरूरी है।
राज्य आंदोलनकारी 18 मार्च को मनाएंगे विरोध दिवस
राज्य आंदोलनकारी आगामी 18 मार्च को राज्य सरकार की तीसरी वर्षगांठ विरोध दिवस के रूप में मनाएंगे। इस दौरान कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर सत्याग्रह किया जाएगा। प्रदेशभर के राज्य आंदोलनकारी मौन धारण करेंगे।
राज्य आंदोलनकारियों की रविवार को शहीद स्मारक पर बैठक हुई। जिसमें आठ सूत्रीय मांगपत्र पर कोई कार्रवाई न होने व गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित न करने पर राज्य आंदोलनकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान शहीद स्मारक पर पहुंचे राजपुर रोड विधायक खजान दास को भी आंदोलनकारियों ने घेर लिया। राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिस पर विधायक ने उनकी बात सीएम के समक्ष रखने का भरोसा दिलाया।
बैठक के दौरान राज्य आंदोलनकारी जगमोहन सिंह नेगी व सुशीला अमोली ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मातृ शक्ति को बधाई देते हुए कहा कि राज्य की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पर दुख की बात है कि आज 25 वर्षों बाद भी मातृशक्ति को न्याय नहीं मिला है।
प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी और जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा की सरकार और शासन से लेकर केंद्र सरकार तक को बार-बार ज्ञापन प्रेषित किए गए, पर राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। अब जनप्रतिनिधियों का घेराव कर उन्हें ज्ञापन दिए जाएंगे। बैठक में ओमी उनियाल, रामलाल खंडूड़ी, वेद प्रकाश शर्मा, हरिकृष्ण भट्ट, डीएस गुसाईं, युद्धवीर सिंह चौहान, सावित्री नेगी, आदि उपस्थित रहे।