शाहजहांपुर। स्वयंभू प्रवचनकर्ता आसाराम के खिलाफ बलात्कार के एक प्रकरण में गवाह रहे कृपाल सिंह की हत्या के एक चश्मदीद के बेटे के अपहरण का मामला दर्ज कर आसाराम की ओर से मामले में गवाही नहीं देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि पुलिस द्वारा अपहरण का मामला दर्ज कर किये जाने के बाद गवाह का बेटा लौट आया। आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के एक प्रकरण में मुख्य गवाह रहे कृपाल सिंह की कैंट क्षेत्र में 10 जुलाई 2015 को कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गवाह रहे रामशंकर विश्वकर्मा का 16 वर्षीय बेटा धीरज विश्वकर्मा सोमवार घर के बाहर से शाम लापता हो गया था। जिसकी तलाश की गई और जब नहीं मिला तो मंगलवार रात पुलिस में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
कृपाल सिंह हत्याकांड में गवाह रामशंकर को 28 जून को अदालत में गवाही देनी है। उनका आरोप है कि हम पर दबाव बनाने के लिए ही बेटे का अपहरण किया गया था ताकि 28 जून को अदालत में हम आसाराम के लोगों के विरुद्ध गवाही ना दें। हालांकि अगवा किशोर धीरज लौट आया है। उसने दावा किया कि अपहर्ता उसे बेहोश कर गाड़ी में डालकर ले गये थे और जब वह होश में आया तो वह मेरठ शहर में था। धीरज ने बताया कि मेरठ में अपहरणकर्ता सामान लेने चले गए तो वह गाड़ी से निकल कर मेरठ रेलवे स्टेशन पहुंच गया जहां जीआरपी ने उसे शाहजहांपुर जाने वाली ट्रेन में बिठा दिया और वह घर आ गया। पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। पुलिस जब देर रात को पड़ताल के संबंध में अपहृत के घर गयी तो वह वहीं मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है।