राज्य में अब तक केवल छठी से 12 वीं तक के इंटर कालेज को ही अटल स्कूल के रूप में लिया गया है। पहले चरण में 189 स्कूलों सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हो चुके हैं। दूसरे चरण में 135 और स्कूलों को लिया जा रहा है। इनकी भी सूची बन चुकी है। अब सरकार हाईस्कूलों को भी अटल स्कूल के रूप में विकसित करते हुए सीबीएसई बोर्ड में लाने जा रही है।
उत्तराखंड के बेहतर और संसाधनयुक्त इंटर कालेज को अटल उत्कृष्ट स्कूलों में तब्दील करने के बाद अब हाईस्कूलों की बारी है। अटल स्कूलों के गठन के तीसरे चरण में सरकार ने हाईस्कूलों को भी शामिल कर लिया है। सभी सीईओ से सीबीएसई के मानक पूरे करने वाले हाईस्कूलों का ब्योरा मांगा गया है। महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने तीस नवंबर तक सभी हाईस्कूल की सूची मांगी है।
महानिदेशक ने कहा कि सीबीएसई एक तय प्रक्रिया के अनुसार काम करता है। विलंब होने पर दंड का प्रावधान भी है। ओएएसआईएस डाटा समय पर अपडेट न करने पर 20 हजार रुपये मासिक जुर्माना देना पड़ता है। ऐसे में लापरवाही पर जिम्मेदार कार्मिक के वेतन से उसकी वसूली की जाएगी।