87 हजार ने कराया रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड वापसी के लिए
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम तक 87 हजार लोगों ने पोर्टल पर उत्तराखंड वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। यह अपने आप में एक बड़ी संख्या है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की है। सीएम ने रेल मंत्री से अलग-अलग रूट पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है क्योंकि इतने लोगों को सिर्फ बस से ला पाना संभव नहीं है।
लॉकडाउन के कारण देश के अन्य हिस्सों में फंसे 87 हजार प्रवासियों ने उत्तराखंड वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। केंद्र सरकार से प्रवासियों की वापसी के लिए मिली इजाजत के बाद उत्तराखंड सरकार ने एक पोर्टल की शुरुआत की थी। इसी पोर्टल पर देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे उत्तराखंड वासियों ने पंजीकरण कराया है। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से 12 विशेष ट्रेन चलाने की अपील की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की 12 स्पेशल ट्रेन इन रूट्स पर चलाने की मांग
सीएम रावत ने रेल मंत्री से दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुंबई से देहरादून, मुंबई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बेंगलुरु से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के बीच ट्रेन चलाने का निवेदन किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्री ने लंबी दूरी से प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन चलाने पर अपनी सहमति दे दी है। लेकिन छोटी दूरी की ट्रेनों के लिए उन्होंने गृह मंत्रालय से अनुमति मांगने को कहा है। अधिकारी ने कहा कि अब मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह से बता करेंगे।
इससे पहले सीएम रावत ने पूरे मामले पर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए। इसमें पूरी सावधानी के साथ सामाजिक दूरी, मास्क, सेनिटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों को वापस लाया जाना है, कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी समुचित स्क्रीनिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिदेर्शों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारंटाइन किया जाता है तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होम क्वारंटाइन का सख्ती से पालन हो। इसके लिए आवश्यक होने पर ग्राम प्रधानों को कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।