एक साल में सुपोषित हुए 496 बच्चे, 364 कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों ने लिया था गोद

एक साल में सुपोषित हुए 496 बच्चे, 364 कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों ने लिया था गोद

सितंबर 2019 में जब उन्होंने गोद अभियान शुरू किया था, तब 1110 बच्चे कुपोषित तथा 124 बच्चे अति कुपोषित थे। मुख्यमंत्री समेत मंत्री व नौकरशाहों ने 364 कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया था। इसमें 21 अति कुपोषित थे। अब सभी बच्चे सामान्य अवस्था में आ चुके हैं। इसके अलावा 132 अन्य कुपोषित बच्चे भी सामान्य श्रेणी में आ चुके हैं।

एक साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुपोषण मुक्ति के लिए गोद अभियान शुरू किया था। तब एक साल के भीतर जिले में 496 बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं। अब प्रशासन के सामने 738 बच्चों को कुपोषण मुक्त करने की चुनौती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गोद ली गई बच्ची के वजन में इजाफा हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अगले दो से तीन महीने के भीतर उसके भी कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आने की उम्मीद है।

डीपीओ अखिलेश मिश्रा बताते हैं कि जब अभियान शुरू किया गया था। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत हर साल दो प्रतिशत की दर से कुपोषित और अनिमिया कम करने का लक्ष्य दिया गया है। जबकि दून में यह करीब 40 प्रतिशत की दर से सुधार हुआ है।

सुपोषित होकर बाराबंकी लौटा बच्चा

विभागीय सचिव सौजन्या द्वारा गोद लिया गया कुपोषित बच्चा आशुतोष सुपोषित होकर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित अपने गांव पूरे डलई लौट गया। इसके बाद भी उसके स्वास्थ्य और वजन की जानकारी सीडीपीओ क्षमा बहुगुणा नियमित ले रही हैं। यह बच्चा पिछले महीने कुपोषण से मुक्त हुआ।

माता-पिता को ध्यान देने की जरूरत

बच्चा अगर स्वस्थ होता है तो कहीं भी जा सकता है। उसकी प्रगति की सीमाएं अनंत होती हैं। जरूरत केवल एक बेहतर वातावरण के निर्माण की है। लेकिन इसके लिए माता-पिता को भी ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि सरकार की ओर से प्रयास नहीं किए जाते हैं लेकिन सरकार की ओर से उपलब्ध पौष्टिक आहार केवल कुपोषित बच्चों को दिया जाए तो वह और तेजी से सुपोषित हो सकते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि कुपोषित बच्चों को मिलने वाले आहार को उनके परिजन ही खा जाते हैं। ऐसे में इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

इनके गोद लिए बच्चे हुए सुपोषित 

प्रेमचंद अग्रवाल – विधानसभा अध्यक्ष
मदन कौशिक – शहरी विकास मंत्री
सतपाल महाराज – पर्यटन मंत्री
हरक सिंह रावत – वन मंत्री
डॉ. धन सिंह रावत – उच्च शिक्षा राज्यमंत्री
रेखा आर्य – महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री

इन अधिकारियों के गोद लिए बच्चे भी हुए सुपोषित 

सचिव स्तर के अधिकारियों में आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, सौजन्या, दिलीप जावलकर, रंजीत सिन्हा, विनोद रतूड़ी, बीके संत, सुशील कुमार, अपर सचिव स्तर के अधिकारियों में आलोक शेखर तिवारी, राम विलास यादव, भूपेश तिवारी, उदयवीर आदि द्वारा लिए गए बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं।

अति कुपोषित एवं कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आए बच्चे

स्थान    बालक    बालिका  योग
कालसी      13  19  32
चकराता      30  47 77
डोईवाला     27  27 54
रायपुर       11  17  28
विकासनगर      13 20 33
सहसपुर       44  61  105
शहर      77  90 167
कुल      215  281 496

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