गांधी जयंती पर 30 हजार ग्रामीणों को मिलेगा स्वामित्व कार्ड
गांवों को भूमि और भवनों के स्वामित्व को लेकर विवाद, आधे-अधूरे अभिलेखों, भूमि-भवन मानचित्र न होने की समस्या से निजात दिलाने के लिए स्वामित्व योजना के पहले चरण का काम अब तकरीबन पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट में पहले प्रदेश के तीन जिलों पौड़ी, ऊधमिसंहनगर और अल्मोड़ा को लिया गया था। बाद में अल्मोड़ा के जिलाधिकारी के तकनीकी दिक्कतों का हवाला दिए जाने के बाद इस जिले की जगह हरिद्वार को शामिल किया गया।
उत्तराखंड जल्द ही ग्राम स्वराज के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाने जा रहा है। शहरों की तर्ज पर अब गांवों में भी भूमि और भवनों के मानचित्र होंगे। इसकी तस्दीक करते हुए स्वामित्व कार्ड ग्रामीणों के पास होंगे। स्वामित्व योजना के तहत गांवों में भूमि सुधार की यह पहल गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से साकार होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्चुअल तरीके से 50 गांवों के 30 हजार ग्रामीणों को स्वामित्व कार्ड सौंपेंगे।
स्वामित्व योजना के तहत पहली बार उक्त जिलों के गांवों के भीतर भूमि और भवनों का सर्वे किया गया है। पंचायतीराज और राजस्व विभाग के सहयोग से सर्वे आफ इंडिया यह सर्वे कर रहा है। हरिद्वार बाद में शामिल हुआ है, वहां सर्वे का कार्य अभी चलना है। दो जिलों पौड़ी और ऊधमसिंहनगर में ड्रोन के जरिये चिह्नित गांवों का सर्वे किया गया है। अल्मोड़ा जिले के कुछ गांवों में भी सर्वे हो चुका है।
योजना के तहत कार्ड सौंपने का काम दो अक्टूबर से शुरू होना है, लिहाजा इसके लिए तैयारी पूरी की गई हैं। जिन गांवों में सर्वे पूरा हो चुका है, उनके मानचित्र तैयार कर भू व भवन स्वामियों, स्कूल व पंचायत भवनों, दुकानों का अंकित किया जा चुका है। अब ग्रामीणों से मानचित्र को लेकर आपत्ति मांगी गई हैं। इसके लिए उन्हेंं नोटिस दिए गए हैं। नोटिस के जवाब के लिए 21 दिन की मोहलत दी गई है।
आपत्तियों का निराकरण करने के बाद दो अक्टूबर को स्वामित्व कार्ड देने के लिए ग्रामीणों की सूची तैयार की जाएगी। राजस्व अपर सचिव बीएम मिश्रा ने बताया कि दो अक्टूबर को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के हाथों दिए जाने वाले स्वामित्व कार्ड तैयार किए जा रहे हैं।