20 सालों में मिले 11 मुख्यमंत्री, सिर्फ 1 CM ने पूरा किया 5 साल का कार्यकाल

20 सालों में मिले 11 मुख्यमंत्री, सिर्फ 1 CM ने पूरा किया 5 साल का कार्यकाल

दस मार्च को जिस ‘सरप्राइज पैकेज’ के साथ तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड सरकार की कमान संभाली थी, वो जादू महज चार महीने में ही हवा हो गया। अब जब तीरथ सिंह रावत विदा हो रहे हैं तो उनके नाम उत्तराखंड में सबसे कम दिन सीएम रहने का रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है। यही नहीं वो ऐसे मुख्यमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जो एक भी दिन सदन का सामना नहीं कर पाया। राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भी कुछ इसी तरह बिना संसद का सामना किए ही विदा हो गए थे। लेकिन, तीरथ महज 114 दिनों में ही उनका विकट गिर गया।

उत्तराखंड के 20 साल के सफर में प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात मुख्यमंत्री दिए हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। हालांकि, भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। चौंकाने वाली बात है कि सभी मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे। ऐसे में वोटरों के सामने भी दुविधा रहती है कि उनके द्वारा चुने गए नेता को सदन में भेजने का क्या फायदा जब बार-बार प्रदेश का मुखिया बदला जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक कहते हैं कि प्रदेश का मुखिया बदलने से कुछ फर्क नहीं  पड़ेगा और भाजपा पुन: 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।

आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने बताया था कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधानसभा में निर्वाचित नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के छह महीने के अंदर ही उन्हें सदन की सदस्यता हरहाल में लेनी होगी। नवप्रभात के अुनसार, लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम,151ए के तहत सरकार के एक साल के कम कार्यकाल की स्थिति में उपचुनाव नहीं किया जा सकता है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत का नौ सितंबर के बाद मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *