रेलवे स्टेशनों पर मोबाइल चार्जिंग का तरीका बदल रहा है। यात्रियों को मोबाइल चार्ज के लिए न बिजली प्वाइंट तलाशने होंगे और न ही उनके गुम होने का खतरा होगा। मोबाइल चार्जिंग के लिए कियोस्क मशीनें लग रही हैं। मशीनें लॉकर्स की शक्ल में होंगी। एक मशीन में बीस लॉकर्स (प्वाइंट) तक हो सकते हैं। यात्री टाइम सेट कर अपने मोबाइल को लॉकर्स के अंदर रख देगा। क्योस्क मशीनें लगाने के लिए रेलवे ने मंडल में चार स्टेशनों को चुना गया है। देहरादून, हरिद्वार, बरेली और मुरादाबाद। देहरादून और हरिद्वार में दस-दस क्योस्क मशीनें लगाई जानी हैं।
देहरादून रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मोबाइल चार्जिंग के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। रेलवे की ओर से इसके लिए अब एटीएम की तरह कियोस्क मशीनें लगाई जा रही हैं। इनमें लॉकर की सुविधा होने के कारण फोन सुरक्षित भी रहेगा। इस सुविधा के लिए यात्री को प्रति घंटे के हिसाब से दस रुपये चुकाने होंगे।
ऐसे काम करेगी मशीन
मोबाइल चार्जिंग के लिए यात्री को खाली लॉकर चुनना होगा। जितने समय के लिए चार्ज करना है, उसके हिसाब से मशीन में पैसा डालना होगा, जिससे बारकोड वाली स्लिप निकलेगी। मोबाइल वापस लेने को यात्री को बारकोड वाली स्लिप को स्कैन करेगा। इसी के बाद लॉकर खुलेगा। मोबाइल रखते समय लॉकर्स को पासवर्ड से खोला जाएगा। टाइम ज्यादा होने पर समय के हिसाब से दोबारा नोट डालने होंगे।
साइबर सुरक्षा की नजर से खतरनाक
एक ओर जहां सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग जैसी सुविधा मिलना फायदेमंद है। वहीं, सार्वजनिक स्थलों पर फोन चार्ज करने को साइबर विशेषज्ञ खतरनाक मानते हैं। दरअसल, सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग डिवाइस से फोन चार्ज करने पर डाटा चोरी जैसे शिकायतें भी लगातार बढ़ रही हैं। कुछ समय पहले दून पुलिस की ओर से भी एडवाइजरी जारी कर, सार्वजनिक स्थलों पर फोन चार्ज करने से बचने की सलाह दी गई थी। ऐसे में ये स्मार्ट मशीनें जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही खतरनाक।
स्टेशन पर 25 सीसीटीवी भी लगेंगे
दून रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिहाज से 25 नए सीसीटीवी भी लगने जा रहे हैं। इसके लिए स्टेशन निदेशक की ओर से मुरादाबाद मंडल अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। स्टेशन निदेशक गणेश चंद ने बताया कि मंडल से प्रस्ताव पास होते ही जल्द से जल्द कैमरे स्टेशन पर लगा दिए जाएंगे। कैमरों के लिए साइट पहले ही चुन ली गई है। स्टेशन पर मोबाइल चार्जिंग की समस्या रहती है। यात्रियों के लिए पहले से चार्जिंग सुविधा दी गई है, लेकिन इसे क्योस्क की मदद से ज्यादा सुरक्षित किया जाएगा। अभी दून में दस क्योस्क लगने हैं। स्टेशन पर इसी मार्च तक मशीनें लग जाएंगी।