उत्तराखंड में युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है। अगर मतदाताओं के लिहाज से आकलन करें तो 18 से 39 वर्ष तक के युवा वर्ग का हिस्सा 55 फीसद से ज्यादा है। यानी, युवा तबका उत्तराखंड में एक बड़े वोट बैंक की भूमिका में है। उत्तराखंड में ठीक दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार अब इन्हें लक्ष्य कर भावी योजनाओं को आकार दे रही है। युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार ही है, इसलिए आने वाले दो वर्षों में सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने पर है। प्रस्तावित युवा आयोग का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उद्देश्य भी यही है।
उत्तराखंड सरकार युवा वर्ग के हितों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है। यह है राज्य में अलग युवा आयोग का गठन। इस आयोग के गठन का मकसद युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। प्रस्तावित युवा आयोग का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
यूं तो उत्तराखंड में युवा नीति वर्ष 2011 से ही वजूद में है लेकिन अब इसमें कुछ अहम संशोधन किए जाने की तैयारी है। दरअसल, पिछले साल संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड आया था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों से विचार-विमर्श किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर अब प्रदेश में संशोधित युवा नीति पर काम चल रहा है। अब नीति में युवा कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाने की तैयारी है। सभी विभाग अपने यहां युवा विकास की कार्ययोजना बनाने के साथ ही इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इनके बीच आपसी समन्वय बनाने का काम युवा कल्याण विभाग करेगा।
संशोधित युवा नीति के मुताबिक ही अलग युवा आयोग का गठन किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आयोग में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अलावा लगभग आधा दर्जन सदस्य शामिल किए जाएंगे। इनमें विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों को तरजीह दी जाएगी। यह भी संभव है कि स्वयं मुख्यमंत्री युवा आयोग के पदेन अध्यक्ष हों। युवा आयोग के गठन से पहले सभी विभागों को युवाओं के विकास के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। युवा आयोग के जरिये रोजगार के साथ ही विकास में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार युवा आयोग के गठन के संबंध में गंभीरता से विचार कर रही है। संभवतया इस तरह के आयोग का गठन करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा। युवाओं के चहुंमुखी विकास और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।