उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश परिवहन समझौते की दिशा में बढ़ेंगे कदम

उत्तराखंड ने बीते वर्ष उत्तर प्रदेश के साथ परिवहन समझौते पर मुहर लगाई गई। समझौते के बाद यह बातें सामने आई कि दोनों राज्यों के सीमांत क्षेत्रों में कई मार्ग ऐसे हैं, जिनका कुछ किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश और कुछ किमी उत्तराखंड से होकर गुजर कर वापस मूल प्रदेश में आ जाता है। इन पर संबंधित प्रदेश द्वारा परमिट जारी होता है। ऐसे परमिट धारक जब दूसरे प्रदेश की सीमा से होकर गुजरते हैं तो उनका चालान कट जाता है। इस पर व्यावसायिक वाहन चालक कई बार आपत्ति भी जता चुके हैं।

उत्तराखंड परिवहन विभाग ने यात्री वाहनों का किराया तय करने के बाद अब उत्तर प्रदेश से परिवहन समझौते की दिशा में कदम आगे बढ़ाने का निर्णय किया है। इस कड़ी में सहारनपुर और बरेली मार्गों पर दोनों प्रदेशों के निजी बस संचालकों को परमिट जारी करने पर उत्तर प्रदेश से चर्चा की जाएगी।

राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इस पर कुछ समय पहले यह निर्णय लिया था कि ऐसे मार्ग जिनके दोनों छोर उत्तराखंड में है और उत्तर प्रदेश में आने वाला हिस्सा 16 किमी से कम है। ऐसे मार्गों पर परमिट और टैक्स की शर्तों पर छूट देने के संबंध में उत्तर प्रदेश से वार्ता की जाएगी। इसके अलावा सीमांत क्षेत्रों में स्कूली बसों को भी परमिट दिए जाने के संबंध में वार्ता करने पर सहमति बनी।

उत्तर प्रदेश के साथ बस संचालन का एक अहम बिंदू उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थिति शाकुंभरी देवी पर बस ट्रिप बढ़ाने का भी है। इस मार्ग पर अब 26 ट्रिप संचालित किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश से वार्ता की जानी है। परिवहन मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश के साथ उपरोक्त बिंदुओं पर वार्ता को पत्रावली तैयार कर ली है। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश के साथ हुए बस समझौते के बाद अब कुछ बिंदुओं पर संशोधन की आवश्यकता महसूस हो रही है। जल्द ही इस पर उत्तर प्रदेश से वार्ता की जाएगी।

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